वॉशिंगटन: नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस में फंसे हुए हैं। फिलहाल वह स्पेस में अपने अतिरिक्त समय का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रयोग करने और इमरजेंसी ड्रिल करने में बिता रहे हैं। नासा की ओर से बताया गया है कि भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जुलाई को बोइंग के स्टारलाइनर यान से स्पेस में पहुंचे थे। स्पेस में फंस जाने के बाद दोनों भारहीन वातावरण में पौधों को प्रभावी ढंग से पानी देने के तरीकों की खोज जारी रखे हुए हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने हार्मनी मॉड्यूल के जरिए परीक्षण किया कि विभिन्न आकारों के रूट मॉडल और पौधे माइक्रोग्रैविटी में पानी कैसे अवशोषित करेंगे। सुनीता और बुच का समय कैसे बीत रहा है, इसे नासा की ओर से दी गई अपडेट के जरिए समझा जा सकता है।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने 16 जुलाई को कहा था कि बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने अपने दिन का अधिकांश समय सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के भारहीन वातावरण में मिट्टी के बिना उगने वाले पौधों को पानी देने के तरीकों का परीक्षण करने में बिता रहे हैं। नासा के मुताबिक विलियम्स ने सबसे पहले हार्मनी मॉड्यूल में प्लांट वाटर मैनेजमेंट हार्डवेयर स्थापित किया और फिर परिणामों की वीडियो रिकॉर्ड करते हुए कई विधियों का परीक्षण किया। विल्मोर ने अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष आवासों पर विभिन्न प्रकार के पौधों को प्रभावी ढंग से पोषण देने के तरीके सीखने के लिए हाइड्रोपोनिक्स और वायु परिसंचरण तकनीक के लिए भी परीक्षण किए।
अंतरिक्ष यात्री स्पेस में क्या काम कर रहे हैं?
नासा ने 15 जुलाई को साझा किए गए अपडेट में बताया गया था कि स्टारलाइनर पायलट सुनीता विलियम्स और कमांडर बुच विल्मोर ने अल्ट्रासाउंड 2 डिवाइस का उपयोग करके नसों के स्कैन में भाग लिया। दोनों ने बारी-बारी से एक-दूसरे की गर्दन, कंधे और पैर की नसों की इमेजिंग की। जमीन पर मौजूद डॉक्टरों ने वास्तविक समय में इस प्रक्रिया की निगरानी की। इसके बाद विल्मोर ने नासा के फ्लाइट इंजीनियर मैथ्यू डोमिनिक की नसों को स्कैन किया, जिससे शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद मिली कि माइक्रोग्रैविटी मानव शरीर को कैसे प्रभावित करती है। इस बीच सुनीता विलियम्स ने अलग-अलग अध्ययनों पर काम किया। उनका प्रारंभिक शोध माइक्रोग्रैविटी में उच्च गुणवत्ता वाले ऑप्टिकल फाइबर के निर्माण पर केंद्रित था। विलियम्स ने अंतरिक्ष में उगाए गए पौधों को पानी देने और पोषण देने के दौरान गुरुत्वाकर्षण की कमी को दूर करने की जांच की।
विलमोर और विलियम्स ने फ्लुड सिस्टम सर्विस का उपयोग करने की प्रक्रियाओं की भी समीक्षा की है, जो अंतरिक्ष स्टेशन पर प्रणालियों पर तरल पदार्थ को निकालता और प्रसारित करता है। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने सुबह के समय हृदय और श्वास सेंसर से जुड़े हुए व्यायाम साइकिल पर बारी-बारी से पैडल चलाया। इसने उनकी एरोबिक क्षमता को मापा।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कब पृथ्वी पर वापस आएंगे?
अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनी विलियम्स नासा के बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के चालक दल के सदस्य हैं। उन्हें कुछ सप्ताह पहले वापस आ जाना चाहिए था। उनकी परीक्षण उड़ान आठ दिनों तक चलनी चाहिए थी, ये समयसीमा 14 जून को समाप्त हो गई। हीलियम रिसाव और थ्रस्टर की विफलता ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उनके आगमन को पटरी से उतार दिया। इससे दोनों को योजना से ज्यादा समय तक स्पेस में रहना पड़ रहा है।
नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम निदेशक स्टीव स्टिच ने पिछले सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सुनीता और उनके साथी जुलाई के अंत तक वापस आ सकते हैं। नासा का लक्ष्य उन्हें अगस्त के मध्य में स्पेसएक्स द्वारा नए चालक दल को भेजने से पहले वापस लाना है। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कहा कि वे पृथ्वी पर थ्रस्टर परीक्षण पूरा होने के बाद वापस लौटने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वे कक्षा में अतिरिक्त समय मिलने की शिकायत नहीं कर रहे हैं, और स्टेशन चालक दल की मदद करने का आनंद ले रहे हैं।