सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का बिल, भाजपा का फुल सपोर्ट, मगर कांग्रेस नेतृत्व बेखबर
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का बिल, भाजपा का फुल सपोर्ट, मगर कांग्रेस नेतृत्व बेखबर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार और प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में दरार एक बार फिर सामने आ गई है. राज्य सरकार ने बीते दिनों विधानसभा से एक विधेयक पास करवाया. इस विधेयक को विपक्षी दल भाजपा ने समर्थन किया. लेकिन, सुक्खू सरकार के इस कदम के बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मीडिया के जरिए खबर मिली. इतना ही नहीं, सुक्खू सरकार का यह विधेयक कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी उलझन में डालने वाला है. क्योंकि इसी तरह का एक विधेयक बीते कार्यकाल में मोदी सरकार लेकर आई थी. उसे विपक्षी कांग्रेस ने विरोध किया था. ऐसे में सबके सामने यही सवाल है कि जिस विधेयक को कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व विरोध कर रहा था वैसा ही विधेयक कांग्रेस की सुक्खू सरकार विधानसभा में भाजपा के समर्थन से पास करवाती है और प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व बेखबर रहता है.
दरअलस, यह पूरी कहानी हिमाचल प्रदेश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने संबंधी विधेयक पास करवाने की है. राज्य सरकार ने विधानसभा से बाल विवाह रोकथाम संशोधन कानून, 2024 पास करवाया है. इस विधेयक में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है. विधानसभा में इस विधेयक को सर्वसहमति से पास करवाया गया. यानी विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने इसका विरोध नहीं किया.
कांग्रेस नेतृत्व बेखबर
इस विधेयक के विधानसभा से पास होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने कहा कि वह सुक्खू सरकार के इस कदम से आश्चर्यचकित हैं. क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व ने बीते कार्यकाल में मोदी सरकार के इसी तरह के विधेयक का विरोध किया था. 2020 में मोदी सरकार ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर 21 साल करने को लेकर एक विधेयक लोकसभा से पास करवाया था. उस वक्त लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी और उप नेता गौरव गोगोई ने इस पर चर्चा के दौरान कहा था कि इस विधेयक से अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन होगा. हालांकि इसे राज्यसभा की मंजूरी नहीं मिल पाई और यह विधेयक कानून नहीं बन पाया. गौरव गोगोई ने कहा कि लॉ कमिशन ने भी शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल रखने की बात कही है.
हिमाचल में ऐसा कानून क्यों?
मुख्यमंत्री सुक्खू के इस कदम के पीछे की राजनीति को समझना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि हिमाचल एक ऐसा राज्य हैं जहां मुस्लिम आबादी भी बहुत कम है. यह एक छोटा राज्य है और 95.17 फीसदी हिंदू हैं. मुस्लिम समुदाय की आबादी केवल 2.18 फीसदी है. यहां साक्षरता दर 82.80 फीसदी है. इस राज्य में बाल विवाह की घटनाएं विरले देखने को मिलती है. ऐसे में सुक्खू सरकार यह विधेयक क्यों लेकर आई इसे समझना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है. इस विधेयक में प्रवाधान है कि हिमाचल प्रदेश के भूभाग ने रहने वाले हर एक इंसान पर यह कानून लागू होगा. इसके लिए किसी धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
Tags: CM Sukhwinder Singh Sukhu, Himachal pradesh
FIRST PUBLISHED :
August 29, 2024, 20:26 IST