सीहोर में 14 जनवरी को स्वतंत्रता संग्राम के 356 वीर शहीदों की याद में विशेष पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया जाएगा। सैकड़ा खेड़ी मार्ग स्थित शहीद समाधि स्थल पर होने वाले इस कार्यक्रम में कलेक्टर, विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में लोग शाम
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समिति के अध्यक्ष ओमदीप और महामंत्री आनंद गांधी ने बताया कि 14 जनवरी 1858 को अंग्रेज जनरल ह्यूरोज के आदेश पर 356 क्रांतिकारियों को सीवन नदी किनारे सैकड़ाखेड़ी चांदमारी मैदान में ले जाकर गोलियों से भून दिया गया था।
क्रूरता की सीमा पार करते हुए शहीदों के शवों को पेड़ों पर लटका दिया गया। दो दिन बाद स्थानीय ग्रामीणों ने वीर शहीदों के पार्थिव शरीरों को उतारकर उसी मैदान में दफनाया। यह विद्रोह मेरठ की क्रांति से भी पहले 13 जून 1857 को शुरू हुआ था, जब क्रांतिकारी चपातियां सीहोर पहुंची थीं।
समिति के अध्यक्ष ने सभी नागरिकों से इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि यह घटना जलियांवाला बाग हत्याकांड की तरह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।