Sikar Honor Killing Case Verdict : ऐसा क्या हुआ था की कोर्ट ने दी लड़की के पिता को सजा-ए-मौत? पढ़ें पूरी कहानी
संदीप हुड्डा.
सीकर. सीकर जिले में 5 साल पहले हुए बहुचर्चित ऑनर किलिंग मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सीकर के एडीजे क्रम संख्या-1 महेंद्र प्रताप सिंह बेनीवाल ने लड़की के पिता को ऑनर किलिंग करने के आरोप में सजा-ए-मौत देने का फैसला सुनाया है. वहीं इस मामले में 10 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सीकर जिले का पहला मामला है जब ऑनर किलिंग में इतनी बड़ी सजा का ऐलान हुआ है. घटना के करीब 5 साल बाद शनिवार को कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया है. इस मामले में तीन आरोपियों को बरी किया गया है.
परिवादी के वकील राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया कि यह केस 21 अक्टूबर 2019 का है. खाटूश्यामजी का गणपत लाल कपड़े की दुकान चलाता था. गणपत शादीशुदा था. उसकी दुकान पर अलोदा गांव की रहने वाली लड़की प्रेम एक दिन कपड़े लेने आई थी. इस दौरान दोनों के बीच जान पहचान हो गई और मामला प्रेम प्रसंग में बदल गया. गणपत ने प्रेम को एक मोबाइल दिया था. उस पर दोनों की बात होती रहती थी.
बेटी से मारपीट कर उसके प्रेमी को बुलाया
एक दिन प्रेम के पिता रामगोपाल को उसके मोबाइल के बारे में जानकारी मिल गई. उसने प्रेम के साथ जमकर मारपीट की और प्रेमी के बारे में पूछा. उसके बाद रामगोपाल को प्रेम और गणपत लाल के अफेयर के बारे में सबकुछ पता चल गया. इस पर रामगोपाल ने 21 अक्टूबर 2019 की रात को अपनी बेटी प्रेम के साथ फिर से मारपीट की. उसने बेटी को अपने प्रेमी गणपत लाल को बुलाने के लिए कहा.
शवों को अपनी गाड़ी में डालकर पहाड़ियों में ले गया
गणपत लाल अपनी बाइक लेकर पेट्रोल पंप के पास पहुंचा. वहां रामगोपाल के कहने पर उसके साथियों ने गणपत लाल का किडनैप कर लिया. इसके बाद गणपत लाल को रामगोपाल अपने घर पर ले गया. वहां पर प्रेम और गणपत लाल के साथ बेरहमी से मारपीट की. इस मारपीट के दौरान दोनों की मौत हो गई. रामगोपाल उन दोनों के शवों को अपनी गाड़ी में डालकर जीणमाता- मांडोली की पहाड़ियों में ले गया.
बेटी को मारकर उसकी गुमशुदगी दर्ज करवा दी
वहां सुनसान इलाके में शवों को गड्ढे में डाल दिया. फिर रामगोपाल ने खाटूश्यामजी थाने जाकर अपनी ही बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. उसने संदेह जताया कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी का किडनैप करके ले गए. 22 अक्टूबर को गणपत लाल के भाई बलदेव गोदारा को उसके साले भागचंद ने बताया कि सुबह उसके पास गणपत लाल के मित्र सुरेश चोपड़ा का कॉल आया था. उसने उसे बताया कि रात को 11:15 बजे के करीब गणपत लाल का फोन आया था. उसमें पीछे झगड़ा होने की आवाज सुनाई दे रही थी.
गणपत लाल के भाई ने दर्ज कराई थी किडनैपिंग की रिपोर्ट
कुछ देर बाद ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. सुरेश चोपड़ा ने उन्हें बताया कि गणपत लाल की बाइक पलसाना इलाके में पेट्रोल पंप के पास खड़ी है. इसके बाद परिजनों ने अपने स्तर पर गणपत लाल की तलाश शुरू की. पेट्रोल पंप के फुटेज खंगाले. वहां पता चला कि उनके भाई के साथ पेट्रोल पंप पर 21 अक्टूबर की रात को मारपीट हुई. कुछ बदमाश उसे किडनैप करके अपने साथ ले गए. इस पर गणपत लाल के भाई ने 23 अक्टूबर को रानोली पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया कि उनके भाई का 21 अक्टूबर की रात को किडनैप कर लिया गया है.
शव जीण माता की पहाड़ियों से बरामद किए गए
बलदेव की रिपोर्ट पर रानोली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले में जांच शुरू की. पुलिस ने रामगोपाल से सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली. उसके बाद दोनों के शव जीण माता की पहाड़ियों से बरामद किए गए. मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूरे केस की जांच पड़ताल कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया.
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FIRST PUBLISHED :
December 1, 2024, 07:18 IST