गंगटोक: सिक्किम विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा(एसकेएम) ने बड़ी जीत हासिल की है। इस राज्य से विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया है। 2014 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सिक्किम ऐसा राज्य बन गया है, जहां विपक्ष नाम के लिए होगा। 32 सीटों वाली विधानसभा में प्रेम सिंह तमांग की पार्टी एसकेएम ने 31 सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के खाते में सिर्फ एक सीट आई है। इसके साथ ही प्रेम सिंह तमांग के दोबारा मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। तमांग 2019 में पहली बार 17 सीटों पर जीत हासिल कर सीएम बने थे। बता दें कि प्रेम सिंह तमांग सिक्किम में पीएस गोले के नाम से मशहूर हैं।
दूसरी बार लेंगे सिक्किम के सीएम पद की शपथ
इस महाविजय के साथ ही टीचर से राजनेता बने प्रेम सिंह तमांग भी अपने गुरु पवन कुमार चामलिंग की राह पर चल पड़े हैं। उन्होंने भी अपनी नई नवेली पार्टी एसकेएम को स्थापना के 6 साल बाद सत्ता के करीब पहुंचा दिया। तमांग 2013 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) से अलग होकर एसकेएम बनाई थी। 2014 के पहले चुनाव में उसे सिर्फ 10 सीटों पर सफलता मिली थी। 2019 में 17 सीटें हासिल कर उन्होंने पहली बार सीएम पद की शपथ ली। अब अगले पांच साल तक उनका कार्यकाल रहेगा। बता दें कि पवन कुमार चामलिंग के नाम 24 वर्ष से अधिक समय तक सीएम रहने रेकॉर्ड दर्ज है। 2024 के विधानसभा चुनाव के दौरान 19 अप्रैल को राज्य में करीब 80 फीसदी वोटिंग हुई थी। सिक्किम में वोटरों की संख्या 4.64 लाख मतदाता हैं।
पवन चामलिंग की सरकार में तीन बार मंत्री रहे तमांग
1968 में जन्मे प्रेम सिंह तमांग राजनीति में आने से पहले सरकारी स्कूल में टीचर थे। 1990 में नर बहादुर भंडारी के शासनकाल के दौरान उन्हें मानव संसाधन विभाग में नियुक्त किया गया। 1994 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में उतरे। उन्हें पवन चामलिंग ने एसडीएफ के टिकट पर सोरेंग-चाकुंग सीट से उतारा। पहले चुनाव में ही वह जीत गए। इसके बाद से वह लगातार तीन बार बनी चामलिंग सरकार में मंत्री रहे। 2009 में उन्हें उद्योग विभाग का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उनका पवन चामलिंग से रिश्ता बिगड़ने लगा। 2013 में उन्होंने बगावत कर दी और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था। नई पार्टी बनाते ही उन्होंने करप्शन के मुद्दे पर सरकार को घेर लिया। पहले चुनाव में ही उन्हें अच्छी सफलता मिली और दूसरे चुनाव में सत्ता हासिल कर लिया। 2024 के विधानसभा चुनाव में प्रेम सिंह तमांग दो विधानसभा सीट सोरेंग-चाकुंग और तमांग रेनॉक से चुनाव लड़े। उनकी पत्नी कृष्णा राय भी नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।