उत्तर प्रदेश स्थित संभल में जामा मस्जिद के सामने निर्माणाधीन पुलिस चौकी को लेकर सियासत जारी है. इस बीच सूत्रों से हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है.
By : शिवांक मिश्रा | Edited By: rahulsa | Updated at : 31 Dec 2024 09:16 PM (IST)
संभल में पुलिस चौकी निर्माण जारी
Source : शिवांक मिश्रा
Sambhal Police Chowki: यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी पर एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. आज AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके दावा किया कि पुलिस चौकी ना सिर्फ वक्फ की जमीन पर बन रही है बल्कि पुलिस चौकी के निर्माण में Ancient Monuments and Archeological Sites and Remains Act (AMASR Act) 1958 का भी उल्लंघन किया गया है.
ऐसे में आइए सबसे पहले आपको AMASR एक्ट के बारे में बताते हैं. Ancient Monuments and Archeological Sites and Remains Act 1958 के तहत किसी भी ASI द्वारा संरक्षित स्मारक के पास का 100 मीटर क्षेत्रफल Prohibited Area होता है जिसके आसपास कोई भी नया निर्माण नहीं किया जा सकता है. इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति के इस एक्ट के लागू होने से पहले घर या किसी अन्य भवन का निर्माण किया हुआ है तोमरम्मत के लिए व्यक्ति को ASI की परमिशन की जरूरत होती है.
AMASR के प्रावधान देते हैं ये छूट
हालांकि AMASR के प्रावधान सरकारी निर्माण के लिए कुछ छूट ज़रूर देते हैं और एक्ट की धारा 20(ए) के मुताबिक सरकारी निर्माण के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की लिखित मंजूरी जरूरी है. इस पूरे मामले पर संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए दावा किया कि पुलिस चौकी के निर्माण से पहले सभी तरह की मंजूरी की प्रक्रिया का पालन किया गया था.
हालांकि सूत्रों के मुताबिक पुलिस चौकी के निर्माण के लिए संभल जिला प्रशासन ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को पत्र लिखा था लेकिन अभी तक ASI ने निर्माण के लिए किसी भी तरह की लिखित अनुमति संभल प्रशासन को नहीं दी है. इस पूरे मामले पर आधिकारिक जानकारी के लिए एबीपी न्यूज ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की प्रवक्ता से भी मेल के जरिए जवाब मांगा है लेकिन अभी तक ASI की तरफ से हमें कोई जवाब नहीं मिला है.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी दावा किया था कि पुलिस चौकी का निर्माण वक्फ की जमीन पर किया जा रहा है इस पर संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि प्रशासन के पास किसी भी आधिकारिक पक्ष की तरह से कोई दावा नहीं आया है, साथ ही इस मामले पर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही सच्चाई सबके सामने होगी.
ASI के स्मारक के पास का 100 मीटर का क्षेत्रफल PROHIBITED Area कहलाता है जिसमें ना ही निर्माण हो सकता है और ना ही ASI की मर्जी के बिना मरम्मत. इसी धारा में यह भी कहा गया है कि अगर किसी सरकारी इमारत का निर्माण होना है तो ASI की लिखित मंजूरी जरूरी है. ऐसे में देखना होगा कि इस मामले पर जांच के बाद क्या सामने आता है
Published at : 31 Dec 2024 09:09 PM (IST)
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