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शेयर बाजार से निकालकर कहां पैसे लगा रहे विदेशी निवेशक? ढूंढ लिया नया ठिकाना

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शेयर बाजार से निकालकर कहां पैसे लगा रहे विदेशी निवेशक? भारत में ही ढूंढ लिया दूसरा ठिकाना

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FII Investment in India : विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से भले ही पैसे निकाल लिए हों, लेकिन भारत से उनका मोहभंग नहीं हुआ और अपने मुनाफे का दूसरा ठिकाना तलाश लिया है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विदेशी न…और पढ़ें

शेयर बाजार से निकालकर कहां पैसे लगा रहे विदेशी निवेशक? ढूंढ लिया नया ठिकाना

विदेशी निवेशक शेयर बाजार से पैसे निकालकर बॉन्‍ड में लगा रहे हैं.

नई दिल्‍ली. विदेशी संस्‍थागत निवेशकों (FPI) ने पिछले कुछ महीने में भारतीय शेयर बाजार से बंपर निकासी की है, जिसकी वजह से लगातार गिरावट भी दिखी है. एफपीआई की निकासी की वजह अभी तक उनकी भारतीय शेयर बाजार से बेरुखी समझी जा रही थी, लेकिन अब पता चल गया है कि आखिर वे यहां से पैसे निकालकर दूसरी जगह कहां लगा रहे हैं. बस इतना समझ लीजिए कि विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से भले ही पैसा निकाल लिया हो, लेकिन इसे वापस भारत में ही लगा दिया है.

क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCIL) के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों यानी बॉन्‍ड में लगभग 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट (EM) लोकल करेंसी इंडेक्स में शामिल होने के बाद हुआ है. पूरी तरह से सुलभ मार्ग (FAR) के तहत भारतीय सरकारी बॉन्ड में FPI निवेश 4 फरवरी तक बढ़कर 2.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 30 जनवरी को 2.59 लाख करोड़ रुपये था.

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क्‍यों लोकप्रिय हो रहे ये बॉन्‍ड
ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज (BISL) ने 31 जनवरी को भारतीय बॉन्ड्स को अपने ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट (EM) लोकल करेंसी इंडेक्स में शामिल किया है. इन बॉन्ड्स को शामिल करने की प्रक्रिया 31 जनवरी 2025 से शुरू होकर 10 महीने की अवधि में पूरी की जाएगी, जब इंडेक्स का पुनर्संतुलन हुआ था. भारत के FAR बॉन्ड्स का भार हर महीने उनकी पूर्ण बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा, जो अक्टूबर 2025 में समाप्त होगा. उस समय, इन बॉन्ड्स का भार इंडेक्स में उनके पूर्ण बाजार मूल्य (100 प्रतिशत) पर होगा. 8 जनवरी को, BISL ने ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट (EM) लोकल करेंसी इंडेक्स में भारत के FAR बॉन्ड्स को शामिल करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक परामर्श खोला था.

क्‍या होंगे इसके बेंचमार्क
CCIL डेटा के अनुसार, वर्तमान 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड 6.79 प्रतिशत 2034 में FPIs की होल्डिंग 31 जनवरी तक 4.22 प्रतिशत या मूल्य के रूप में 5,576.702 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है, जो 30 जनवरी को 3.60 प्रतिशत या मूल्य के रूप में 4,746.456 करोड़ रुपये थी. नए बेंचमार्क बॉन्ड में कुल बकाया राशि 1.32 लाख करोड़ रुपये है. इसी तरह, पुराने बेंचमार्क में एफपीआई द्वारा बॉन्ड होल्डिंग्स 31 जनवरी तक 9.55 प्रतिशत या 17,182.062 करोड़ रुपये हो गई है, जो 30 जनवरी को 9.21 प्रतिशत या 16,569.087 करोड़ रुपये थी. कुल बकाया राशि 1.80 लाख करोड़ रुपये है. एफपीआई ने नवंबर तक जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल होने के बाद सरकारी बॉन्ड्स में 62,431 करोड़ रुपये का निवेश किया.

इंडेक्‍स में शमिल होने पर बढ़ी डिमांड
अक्टूबर 2023 में भारतीय सरकारी बॉन्ड्स (IGB) को जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल करने की घोषणा के बाद से एफपीआई ऋण खंड में गतिविधि बढ़ गई है. अक्टूबर 2023 से जून 2024 तक कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ है. 28 जून 2024 को जेपी मॉर्गन ने अपने उभरते बाजार इंडेक्स में एफएआर के तहत 29 सरकारी प्रतिभूतियों को शामिल किया. भारत का इंडेक्स में 1 प्रतिशत भार है, जिसमें मार्च 2025 तक हर महीने क्रमिक वृद्धि की योजना है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 04, 2025, 16:11 IST

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