मां शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो गया है। गोरखपुर में नवरात्रि का लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। एक दिन पहले ही शहर भर के सभी प्रमुख देवी मंदिरों को सजाया दिया गया था। जहां, सुबह से ही देवी के दर्शन के लिए भक्तों की
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गोलघर काली मंदिर, कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माता मंदिर, तरकुलहा देवी, दाउदपुर काली मंदिर, कालीबाड़ी रेती चौक, हठ्ठी माता मंदिर, विंध्यवासिनी मंदिर मेडिकल रोड, जाफरा बाजार शीतला माता मंदिर समेत महानगर के प्रमुख देवी मंदिरों पर सुबह से ही मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ है।
वहीं, मंदिरों के आसपास चुनरी, नारियल, पूजन सामग्री आदि की दुकानें पहले से सजकर तैयार हैं। इसके साथ ही आज नवरात्रि के पहले दिन घरों, पंडालों और देवी मंदिरों में कलश स्थापित कर मां के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जा रही है। इसे लेकर एक दिन पहले तैयारियां पूरी कर ली गई थी।
इस बार 9 दिनों की नवरात्रि वाराणसी से प्रकाशित पंचांग के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि पूरे 9 दिन की होगी। 12 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इसी दिन नौ दिनों तक उपवास रखने वाले श्रद्धालु व्रत का पारण भी करेंगे।
गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी करेंगे कलश स्थापना इसके साथ ही गोरक्षपीठ मां आदिशक्ति की आराधना के लिए तैयार है। शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सीएम योगी आदित्यनाथ शाम 5 बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। साथ ही गोरखनाथ मंदिर में 10 दिवसीय विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ हो जाएगा।
गोरखनाथ मंदिर से निकलेगी शोभायात्रा मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा पर गुरुवार की शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कलश शोभायात्रा निकलेगी। यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी। जिसमें सभी साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे।
मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि मठ में शारदीय नवरात्रि में श्रीमददेवीभागवत की कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ, प्रतिपदा से पूरे नवरात्रि प्रतिदिन सुबह एवं शाम 4 बजे 6 बजे तक चलेगा। देवी-देवताओं के आह्वान के साथ पूजन-आरती होती रहेगी। 10 अक्टूबर अष्टमी की शाम 7 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ महानिशा पूजन एवं हवन करेंगे। साथ ही 11 अक्टूबर को सीएम गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन करेंगे।
विजयदशमी को निकलेगा गोरक्षपीठाधीश्वर का विजय जुलूस विजयदशमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे। परंपरा के अनुसार वे साधु-संतों के विवादों का निस्तारण करेंगे। जबकि, इसी दिन गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर का विजय जुलूस निकलेगा। जोकि आर्यनगर रामलीला मैदान तक जाएगा। यहां गोरक्षपीठाधीश्वर चल रहे रामलीला में श्रीराम का राजतिलक करेंगे।
कलश स्थापना का समय ज्योतिषि पंडित रवि शंकर पांडेय के मुताबिक, इस बार कलश स्थापना गुरुवार की सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शाम 5 बजकर 44 के बीच किया जा सकता है। इसके साथ ही महासप्तमी 9 अक्टूबर को होगी। इस दिन पंडालों में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रात्रि में अष्टमी नहीं होने से महानिशा पूजन अगले दिन 10 अक्टूबर को होगा। महाष्टमी और महानवमी दोनों व्रत 11 अक्टूबर को ही किए जाएंगे। महाअष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को ही रखा जाएगा। हवन और कन्या पूजन भी 11 अक्टूबर को होगा। 12 अक्टूबर को विजय दशमी मनाया जाएगा।
ऐसे करें पूजन-अर्चन पंडित विनोद तिवारी के मुताबिक, नवरात्रि का पर्व आरंभ करने के लिए मिट्टी की वेदी बनाकर उसमें जौ और गेहूं मिलाकर बोएं। उस पर विधि पूर्वक कलश स्थापित करें। कलश पर देवी जी मूर्ति (धातु या मिट्टी) अथवा चित्रपट स्थापित करें। पूजा सामग्री एकत्रित कर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें और आचमन, प्राणायाम, आसन शुद्धि करके शांति मंत्र का पाठ कर संकल्प करें। रक्षा दीपक जला लें। सर्वप्रथम क्रमशः गणेश- अंबिका, कलश (वरुण), मातृका पूजन, नवग्रहों का पूजन करें।
नवरात्रि में किस दिन होगी मां के किस रुप की पूजा
- 03 अक्टूबर : मां शैलपुत्री पूजा
- 04 अक्टूबर : मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- 05 अक्टूबर : मां चंद्रघंटा पूजा
- 06 अक्टूबर : मां कुष्मांडा पूजा
- 07 अक्टूबर : मां स्कंदमाता पूजा
- 08 अक्टूबर : मां कात्यायनी पूजा
- 09 अक्टूबर : मां कालरात्रि पूजा
- 10 अक्टूबर : मां महागौरी पूजा
- 11 अक्टूबर : मां सिद्धिदात्री पूजा