Saturday, November 30, 2024
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Home वो मुझे भी मार देंगे… ठेके के बाहर चिल्ला रहा था शराबी, थाने ले गई पुलिस तो उड़े होश! खुला गया कंकाल का राज

वो मुझे भी मार देंगे… ठेके के बाहर चिल्ला रहा था शराबी, थाने ले गई पुलिस तो उड़े होश! खुला गया कंकाल का राज

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नई दिल्ली: बात लगभग 8 महीने पुरानी है। तारीख थी 21 नवंबर 2023, वक्त सुबह करीब 8 बजे और जगह मुंबई के नायगांव इलाके का हाईवे। बाइक पर जा रहे दो लोग सड़क किनारे टॉयलेट करने के लिए रुकते हैं। दोनों झाड़ियों के पास पहुंचे ही थे कि उनकी नजर वहां एक सड़ी गली लाश पर पड़ती है। दोनों घबरा जाते हैं और तुरंत पुलिस को फोन करते हैं। तब तक आसपास के कुछ और लोग भी जमा हो जाते हैं। लाश कुछ दिन पुरानी थी और लगभग कंकाल बन चुकी थी। कुछ देर में पुलिस की गाड़ी भी मौके पर पहुंचती है और पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा देती है।

शुरुआत में पुलिस को लगता है कि ये कोई सड़क हादसा है और एक्सीडेंट की धाराओं में केस दर्ज हो जाता है। लेकिन अगल दिन, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है तो पता चलता है कि ये एक्सीडेंट नहीं, बल्कि कत्ल का मामला है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले की उम्र 25 से 30 साल के बीच थी और उसके सिर पर हमला कर उसे मारा गया था। अब पुलिस अधिकारियों के होश उड़ जाते हैं। सबूत की तलाश में मौका-ए-वारदात को फिर से खंगाला जाता है, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता। मरने वाले शख्स की पहचान के लिए लाश के कपड़े और चप्पलों की फोटो आसपास के थानों में भेजी जाती है।

केस में ना कोई सुराग, ना सबूत

तस्वीरों के जरिए पता चलता है कि जिसकी मौत हुई, उसका नाम लवेश माली थी। लवेश ऑटो रिक्शा चलाता था और उसके परिवार के लोगों ने कुछ दिन पहले ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब पुलिस लवेश के कातिल की तलाश में जुट जाती है। हालांकि, पुलिस के पास ना कोई सुराग था और ना ही सबूत। ये मामला मुंबई क्राइम ब्रांच के लिए ब्लाइंड मर्डर केस का बनता जा रहा था। पूछताछ शुरू होती है, तो पता चलता है कि लवेश अक्सर शाम में शराब पीने के लिए कुछ खास जगहों पर जाता था। पुलिस उस इलाके के अपने मुखबिरों को एक्टिव कर देती है।

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मुखबिर से मिलता है शराबी का सुराग

एक दिन पुलिस का एक खबरी थाने पहुंचता है और बताता है कि उसे लवेश माली के बारे में एक सुराग मिला है। खबरी के मुताबिक, जिन ठेकों पर लवेश का आना-जाना था, वहीं पर एक और आदमी हर रोज शराब पीने जाता है। वो पहले शराब पीता है और फिर बाहर निकलकर चिल्लाता है कि वे मुझे भी मार देंगे। इसके बाद शराब के नशे में वहीं बेहोश होकर गिर जाता है। पुलिस उस आदमी के बारे में तहकीकात करती है तो पता चलता है वो लवेश माली को जानता था। तुरंत एक टीम भेजी जाती है और पुलिस उस आदमी को पूछताछ के लिए थाने ले आती है।

और खुल गया लवेश के कत्ल का राज

उससे पूछा जाता है कि वो हर रोज ठेके के बाहर क्यों चिल्लाता है और उसे किसका डर है? वो ऐसा क्यों बोलता है कि उसे मार दिया जाएगा? उसके जवाब से एक कहानी निकलकर सामने आती है और साथ ही खुल जाता है लवेश माली के कत्ल का राज। पुलिस पूछताछ में वो शख्स बताता है कि उसने अपनी आंखों से लवेश का कत्ल होते देखा था और उस रात के बाद से ही उसे बुरे सपने आते हैं। उस डर रहता है कि जिन लोगों ने लवेश की जान ली, वो उसे भी मार देंगे। पुलिस उससे कातिलों के बारे में पूछती है, तो वो बताता है कि लवेश का कत्ल करने वाले दो लोग थे। पहचान पुख्ता होने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

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इस वजह से हुई थी लवेश की हत्या

पूछताछ में दोनों बताते हैं कि इस हत्याकांड में एक नाबालिग लड़का और शामिल था। दरअसल, लवेश इनमें से एक आरोपी का ऑटो रिक्शा किराए पर चलाता था। एक दिन उसकी टक्कर एक डंपर से हो गई और ऑटो को काफी नुकसान पहुंचा। इसपर ऑटो मालिक ने लवेश से ही ऑटो को ठीक कराने का खर्चा मांगा, लेकिन उसने इनकार कर दिया। शाम को शराब पीने के बाद दोनों के बीच फिर से बहस हुई और ऑटो मालिक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर उसके सिर पर पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद इन लोगों ने उसकी लाश को सड़क किनारे ही फेंक दिया। हालांकि, इन्हें अंदाजा नहीं था कि वहां एक शख्स और मौजूद था, जो छिपकर सबकुछ देख रहा था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इनके ऊपर हत्या का केस चल रहा है।

धर्मेंद्र कुमार

लेखक के बारे में

धर्मेंद्र कुमार

दिल्ली यूनिवर्सिटी साउथ कैंपस से 2010 में पत्रकारिता करने के बाद अमर उजाला डिजिटल से करियर की शुरुआत की। अमर उजाला में करीब साढ़े पांच साल की लंबी पारी के बाद हिंदी वनइंडिया में न्यूज डेस्क को लीड किया। इस समय नवभारत टाइम्स में क्राइम सेक्शन को संभाल रहा हूं। साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर लिखने में भी दिलचस्पी है।… और पढ़ें

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