वोट लाने वाली चाबी हुई गुम…बंगाल के बड़े बीजेपी नेता ने अपनी ही पार्टी को घेरा, कहा- मुझसे पूछें तो बताऊंगा हाल
पश्चिम बंगाल में जब से भाजपा की शिकस्त हुई है, पार्टी नेताओं के अजीबोगरीब बयान सामने आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि पार्टी को अल्पसंख्यक मोर्चा खत्म कर देना चाहिए. हमें ‘सबका साथ सबका विकास’ नहीं चाहिए. उन्होंने नया नारा दिया, ‘जो हमारे साथ सिर्फ उनका विकास’. अब उनसे एक कदम आगे बढ़ते हुए बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, पार्टी आंदोलन तो चलाना जानती है, लेकिन चुनाव कराने और अपने उम्मीदवारों के लिए वोट लाने की कुंजी खो चुकी है.
दिलीप घोष ने कहा, ‘अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मेरी राय सुनना चाहे तो मैं उन्हें बताने के लिए तैयार हूं. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व निश्चित तौर पर जानता है कि संगठन कैसे खड़ा किया जाए. वे जानते हैं कि मूवमेंट कैसे शुरू किया जाए, लेकिन हम चुनाव प्रचार के बारे में नहीं जानते. हम नहीं जानते कि पार्टी के लिए वोट कैसे लाया जाए. ऐसा लगता है कि हमने सीटें जीतने के लिए वोट हासिल करने की चाबी या फार्मूला कहीं खो दिया है.’
लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त
घोष की यह टिप्पणी इस साल राज्य में लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद आई है. भाजपा ने 42 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 12 पर जीत हासिल की. जबकि 2019 में उसे 6 सीट ज्यादा मिली थीं. खुद दिलीप घोष चुनाव हार गए. पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए घोष ने कहा, हमने 2021 के विधानसभा चुनावों में हमने 100 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य रखा था, हालांकि 77 सीटें जीतीं. लेकिन हमारी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. पार्टी जब भी पूछती है, मैं अपनी राय देता हूं. मेरे सुझावों पर एक्शन लेना नेतृत्व का काम है.
भाजपा कार्यकर्ताओं से कभी नहीं कटे
बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, हम जमीनी स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं से कभी नहीं कटे. क्योंकि वे चुनाव के दौरान और उसके बाद टीएमसी के आतंक का सामना कर रहे हैं. घोष आरएसएस के प्रचारक रहे हैं. 2014 में पार्टी ने उन्हें महासचिव बनाया था और 2015 में पश्चिम बंगाल इकाई का अध्यक्ष बनाया था. लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में कीर्ति आजाद ने उन्हें बड़े अंतर से हरा दिया था. तब उन्होंने बीजेपी के एक वर्ग पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. उनके बयानों से ऐसा लगता है कि वे पार्टी से कुछ नाराज नजर आ रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
July 22, 2024, 22:12 IST