Jharkhand Land Scam: लैंड स्कैम केस में ED के रडार पर कांके CO और CI, 250 एकड़ जमीन मामले में फिर पूछताछ
रांची. लैंड स्कैम मामले में कमलेश की संलिप्तता की जांच करते हुए ईडी को कई बड़े सुराग हाथ लगे हैं. इस मामले में कमलेश को पांचवा सामन दिया गया है. वहीं कांके के सीओ और सीआई से भी लगातार पूछताछ कर इस नेक्सस को समझने की कोशिश की जा रही है. इसी फेहरिस्त में आज भी सीओ और सी आई से पूछताछ होनी है. दरअसल कमलेश से जुड़े लैंड स्कैम की जांच करते हुए पिछले दिनों ईडी की टीम कांके अंचल कार्यालय पहुंची थी. इस दौरान जांच के क्रम में ईडी को कई अनियमितताएं मिली.
वहीं अंचलाधिकारी (सीओ) जयकुमार राम और अंचल निरीक्षक (सीआइ) चितरंजन टुडू के मोबाइल की जांच के दौरान ज़मीन के मामलों में पैसों के लेन-देन का हिसाब मिला है. इसके बाद ईडी ने सीओ और सीआई के मोबाइल जब्त किया था. वहीं अंचल कार्यालय से भी कई कागजात ईडी के द्वारा जब्त किए गए थे. इसके बाद से ही कांके अंचल कार्यालय ईडी की रडार पर है.
जांच में ईडी को ये भी जानकारी मिली कि जिस दिन ईडी की टीम कांके स्थित कमलेश के ठिकानों पर रेड कर रही थी ठीक उसी दिन कांके अंचल से कई जमीनों की जमाबंदी भी डिलीट की गयी थी. ऐसे में ये जमाबंदी क्यों डिलीट की गई इसको लेकर भी ईडी अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक से पूछताछ कर जानकारी हासिल कर रही है. वहीं ईडी की टीम को जमीन से ऑनलाइन एंट्री में फर्जीवाड़े से संबंधित कई शिकायतें मिली थीं. इसे लेकर ईडी की टीम धुर्वा स्थित NIC दफ्तर भी पहुंची थी.
वहीं ईडी की जांच में ये बातें भी सामने आई है कि कमलेश और उसके सहयोगियों को कांके अंचल का भी पूरा सहयोग मिला है. वहीं कमलेश और उसके साथियों पर कई ब्यूरोक्रेट का भी हाथ है. इसकी भी जानकारी ईडी को मिली है. मामले में ग्रामीणों ने भी कई गंभीर आरोप न सिर्फ कमलेश बल्कि प्रशासन पर भी लगाए है. कांके के चामा के ग्रामीणों से जब हमने इस बाबत बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी जमीन पर कब्जे का सिलसिला विगत 03 वर्षों से जारी था. विरोध करने पर बाउंसर और महिला गैंग के द्वारा ग्रामीणों की पिटाई की जाती थी गोलियां चलाई जाती थी. लेकिन, जब इसकी सूचना पुलिस को दी जाती है तो पुलिस न कोई कार्रवाई करती है और न ही अंचल कार्यालय भी इसे लेकर कोई पहल करता है.
ग्रामीणों का कहना है कि खासतौर से जमीन को ऑनलाइन करने के दौरान जमीन को किसी दूसरे नाम पर ट्रांसफर कर उसके जरिए जमीन को बेच दिया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार यह चलन हाल के 06 महीनों में अधिक बढ़ गया था, जिस कारण उन्होंने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और एफआईआर दर्ज किया गया. लेकिन, उसकी रिसीविंग आज तक नहीं दी गई. ग्रामीण के अनुसार कमलेश, विक्की जायसवाल और उनके सहयोगियों के द्वारा आज करीब 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है. इसको ईडी अब अपने जांच का दायरा बढ़ा चुकी है.
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FIRST PUBLISHED :
July 15, 2024, 11:00 IST