Wedding Finance Options: लड़कियां, शादी का बजट लाएं 5-7 लाख रुपये तक, पांच तरीके स्मार्ट वेडिंग प्लानिंग के लिए
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Wedding Finance Options: लड़कियां, शादी का बजट लाएं 5-7 लाख रुपये तक, पांच तरीके स्मार्ट वेडिंग प्लानिंग के लिए
Wedding Finance Options: लड़कियां, शादी का बजट लाएं 5-7 लाख रुपये तक, पांच तरीके स्मार्ट वेडिंग प्लानिंग के लिए
Five Smart Money Wedding Tips: वेडिंग स्पेंड्स रिपोर्ट 2.0 (Wedding Spends Report 2.0) के मुताबिक, एक औसत मध्यवर्गीय भारतीय अपनी शादी पर लगभग 15-25 लाख रुपये खर्च करता है. यह सर्वे अक्टूबर और नवंबर 2023 के बीच 1200 मिलेनियल जेनरेशन के बीच किया गया था. 25-40 एज ग्रुप के लोगों को इसमें शामिल किया गया और ये देश के 20 शहरों में हुआ. भारतीय समाज में शादी दो लोगों ही नहीं, दो परिवारों का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसकी योजना आमतौर पर हफ्तों, महीनों पहले से शुरू होती है और दुल्हन की विदाई के बाद भी खत्म नहीं होता है. विभिन्न छोटे- बड़े इवेंट समेटे हुए भारतीय पारपंरिक विवाह एक खर्चाला इवेंट है. डेस्टिनेशन वेडिंग (Destination Wedding) के इस दौर में यदि आप समझदारी से विवाह को अंजाम देना चाहती हैं तो यह वित्तीय लिहाज से एक शानदार फैसला है. कई बार विवाह कार्यक्रम फिजूलखर्ची और दिखावे का ऐसा सिलसिलेवार इवेंट बन पड़ता है जहां पैसा पानी की तरह बहाया जाता है. अगर आप लो-कॉस्ट शादी करना चाहती हैं और वह भी अच्छी तरह से… तो आइए हम आपकी इसमें कुछ मदद करें:
- सबसे पहले तो आपको अपनी बजट वेडिंग की इच्छा में दोनों परिवारों और आपके भावी पति को शामिल करना होगा, यानी उन्हें कम से कम पैसे में शादी करने की कोशिश में शामिल करना होगा. जब हम हेडलाइन में 5 से 7 रुपये तक की बजट वेडिंग की बात कर रहे हैं तो यह हो सकता है कि आपके लिए लो कॉस्ट में यह रकम 8-9 लाख भी हो! लेकिन कुल खर्चे को कम करने के लिए कुछ जरूरी चीजें आप अपना सकती हैं. शादी का मौसम दिवाली के बाद के – नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी के दौरान- अधिकांश रुप से होता है. कई बार ये मई जून में भी होती हैं. यदि आप अपनी लागत कम रखना चाहती हैं तो ऑफ-सीजन में शादी करें. वैन्यू से लेकर कैटरिंग तक व अन्य खर्च भी हद में रह सकते हैं, ऑफ सीजन में शादी करने पर.
- हिन्दू शादी की बात करें तो यह एक दिन का इवेंट नहीं है. संगीत, मेहंदी, शादी, रिसेप्शन…के हरेक प्लान के साथ लागत बढ़ती जाती है. इसलिए बेहतर यही होता है कि आयोजन मर्ज करें या फिर कम से कम रखें. आप चाहें तो मेहंदी और संगीत एक ही दिन-रात में कर लें. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.
- शादी समारोह के तुरंत बाद रिसेप्शन रखेंगी तो इसके लिए वैन्यू के लिए बार्गेन भी कर पाएंगी. सभी कार्यक्रम एक ही स्थान पर करवा सकती हैं, अग्रेसिव रेट्स की डील इससे संभव हो पाएगी. कुछ कार्यक्रम अपने घर पर, सोसायटी के कम्युनिटी हॉल में, बड़े मंदिर के प्रांगण में या संभव हो तो छत पर भी कर सकती हैं जैसे संगीत कार्यक्रम.
- गेस्ट सूची सबसे अधिक लागत का एक खास फैक्टर है. शादी में जितने अधिक मेहमानों को बुलाएंगी, हर लेवल पर आपकी लागत बढ़ती जाएगी. कड़क अतिथि सूची रखें, परिवार जनों के साथ मिलकर बार बार रिव्यू करें इस सूची को तब फाइनल करें. शादी का कार्ड डिजिटल रखें. ये क्रिएटिव भी होते हैं और लो-कॉस्ट भी. कार्ड घर जाकर देने में जो खर्चा पानी होता, वह भी बच जाएगा.
- शॉपिंग को सीमित करें, इसके लिए सोने और चांदी की आसमान छूती कीमतों के बीच किराए पर अच्छे कपड़े लेने, जूलरी री-यूज करने और आर्टिफिशल जूलरी के इस्तेमाल के अलावा गहनों को रेंट पर लेने का विकल्प टटोलें. साज-सज्जा के सामान में कटौती करें, स्मार्ट डेकोरेशन को महत्व दें. मां या दादी के कपड़ों साड़ियों- लहंगों को ‘फर्नीशिंग’ के साथ इस्तेमाल करें. विरासत में मिले गहनों को इस्तेमाल करें.
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Tags: Bride groom, Business news in hindi, Celebs marriage, Ideal marriage, Love marriage, Wedding Ceremony, Women’s Finance
FIRST PUBLISHED :
April 29, 2024, 10:30 IST