लखनऊ में एंबुलेंस चालकों ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आवास का घेराव किया। एंबुलेंस कर्मचारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि 20 दिन पहले भी प्रदर्शन किया था। उस समय डिप्टी सीएम ने एक सप्ताह में समस्या का समाधान करने का वादा किया था मगर अब तक कोई सुनवाई नही
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प्रदर्शन कर रहे शरद यादव ने बताया कि 2012 में हमारी नियुक्ति हुई थी। 2012 से लेकर 2021 तक हमने 108 और 102 एम्बुलेंस में सेवा दिया। मगर 2021 में 9000 कर्मचारियों को GVKERI जो एक निजी कंपनी है जिसके माध्यम से हमारी भर्ती हुई थी उसने निकाल दिया। विगत 3 सालों से लगातार हम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार हमने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक समेत कई मंत्रियों और सांसदों से मुलाकात किया मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
गोरखपुर के राहुल वर्मा ने बताया कि कोरोना काल में एंबुलेंस चालकों और मेडिकल कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर सेवाएं दिया । 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश के मरीजों की सहायता किया । जब कोई किसी के करीब नहीं आता था उस समय हम रोगियों की पूरी मदद करते थे । कोरोना के बाद हमको बेरोजगार कर दिया गया। कई बार हमने गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके अपनी बात रखी मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं। आज भी हम लोग यहां आए हैं अगर हमारी सुनवाई नहीं होगी तो हम लोग आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे। हमारे सामने रोजी रोटी का संकट है। बेरोजगारी के चलते दो वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे हैं।