दिल्ली के राजेंद्र नगर में बेसमेंट में पानी भर जाने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले 3 छात्रों की जान चली गई. इसके बाद सियासी जंग चल रही है. बयानों के तीर चलाए जा रहे हैं. एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. लेकिन ऐसे ही एक मामले में लीबिया की कोर्ट ने 12 अफसरों को जेल भेज दिया. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
दरअसल, लीबिया के डर्ना शहर में पिछले साल बांध टूट गया था. इसकी वजह से पूरे शहर में बाढ़ आ गई और हजारों लोगों की मौत हो गई. जांच हुई तो 12 अधिकारियों की लापरवाही सामने आई. इन लोगों पर देश के बांधों के प्रबंधन की जिम्मेदारी थी. उन्हें सही सलामत रखने का काम इन्हीं के हवाले था. लेकिन कोर्ट ने माना कि इन लोगों ने अपना काम ठीक ढंग से नहीं किया. लापरवाही बरती, जिसकी वजह से बांध टूटे और तबाही मची.
अटार्नी जनरल ने बताया कि अदालत ने 12 अधिकारियों को लापरवाही का दोषी मानते हुए 9 से 27 साल के बीच जेल की सजा सुनाई है. चार अधिकारियों को बरी कर दिया गया है. कोर्ट कहा कि इन अधिकारियों ने ऐसी लापरवाही बरती, जिसकी वजह से हजारों की लोगों की मौतें हुईं. इसलिए इन पर साजिशन हत्या के केस भी बनता है. इन लोगों की वजह से सरकार के धन की बर्बादी हुई.
डेर्ना लीबिया का एक तटीय शहर है, जिसकी आबादी लगभग 125,000 है. पिछले सितंबर में तूफान डेनियल के कारण बाढ़ से यह शहर पूरी तरह तबाह हो गया था. इसकी वजह से हजारों लोग मारे गए और हजारों लापता हो गए. इमारतें बह गईं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध इसलिए ढह गए क्योंकि उनकी डिजाइन में खामी थी. उनका हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम कमजोर बनाया गया था. ये गलती अफसरों की वजह से हुई.
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FIRST PUBLISHED :
July 28, 2024, 19:45 IST