Tuesday, February 25, 2025
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Home देश ये 1 चीज शामिल नहीं तो अधूरी है छठ पूजा, इसके बिना न दें सूर्य देव को अर्घ्य

ये 1 चीज शामिल नहीं तो अधूरी है छठ पूजा, इसके बिना न दें सूर्य देव को अर्घ्य

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Chhath Puja 2024 soup importance: हिंदू धर्म में कई ऐसे पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं, जिनका अपना खास महत्व है. कार्तिक महीना चल रहा है और इस महीने में कई बड़े त्योहार आते हैं, जिसमें से एक है छठ का पर्व. छठ पर्व में छठी मईया और सूर्य देवता की पूजा की जाती है. आज नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. 6 नवंबर को खरना है. 7 को शाम में सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा और 8 तारीख को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती पूजा का पारण करेंगे. इसमें व्रती 36 घंटे निर्जला व्रत के साथ पूजा-पाठ करते हैं. आपने एक बात गौर किया होगा कि छठ पूजा पर जब लोग शाम और सुबह में घाट, नदी किनारे जाते हैं तो अपने सिर पर बड़े-बड़े सूप, टोकरी रखते हैं, जिसमें कई तरह की सामग्री होती है. यह सब पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद होते हैं. आखिर छठ पर्व में सूप में ही क्यों प्रसाद को रखा जाता है? क्यों किया जाता है इसका इस्तेमाल? चलिए जानते हैं यहां…

छठ पूजा में सूप के इस्तेमाल का महत्व
छठ पूजा में आपको बड़े-बड़े बांस के बने सूप, डलिया या दउरा देखने को मिल जाएंगे. इसी सूप में सभी प्रसाद रखे जाते हैं और घाट पर लोग अपने सिर पर रखकर पैदल चलकर जाते हैं. दरअसल, बांस प्रकृति का प्रतीक है. यह एक प्राकृतिक चीज है. छठ पूजा में भी आप प्रकृति की पूजा ही करते हैं, इसलिए इस महापर्व में बांस के सूप, टोकरी का इस्तेमाल किया जाता है. छठ पूजा में साफ-सफाई, पवित्रता का खूब ख्याल रखा जाता है. ऐसे में घर में इस्तेमाल किए जाने वाले धातु के बर्तनों में छठ का प्रसाद ना रखकर सूप, टोकरी में रखनी चाहिए.

छठ व्रत करने के फायदे
– जो व्रती छठ पूजा पूरी शुद्धता, सच्चे मन, श्रद्धा भाव, पवित्रता से करते हैं उन्हें शुभ फल प्राप्त होता है. जिन शादीशुदा लोगों की संतान नहीं है, उन्हें संतान प्राप्ति का सुख मिलता है.

इसे भी पढ़ें: Chhath Puja Geet: दुखवा मिटाईं छठी मईया, रउए असरा हमार…महापर्व छठ पूजा पर सुनें शारदा सिन्हा के ये मशहूर गीत

-सूर्य भगवान को ऊर्जा का प्रतीक और जीवन दाता माना गया है. बांस एक ऐसा पौधा है जो बहुत तेजी से बढ़ता है और इसे सूर्य देवता की ऊर्जा का प्रतीक भी माना गया है. साथ ही तेजी से बढ़ते बांस का अर्थ ये भी है आपकी संतान भी अपने जीवन में तेजी से तरक्की करे, ऊंचाइयों पर जाए. उसकी भी प्रगति होती रहे.

– छठ पूजा में कई तरह के प्रसाद होते हैं, जिसमें महाप्रसाद ठेकुआ के बिना छठ पर्व अधूरा है. साथ ही गन्ना, बड़ा नींबू, सिंघाड़ा, अनानास, नारियल, केला, डाभ, नाशपाती, शरीफा आदि बांस के सूप, टोकरी में रखकर सूर्य देव को भोग लगाया जाता है.

– मान्यता है कि बांस के सूप, डलिया में सूर्य देवता को प्रसाद अर्पित करने से घर में धन-धान्य, सुख-समृद्धि आती है. नि:संतान शादीशुदा लोगों को संतान की प्राप्ति होती है. जीवन के सभी कष्ट, परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Dharma Aastha, Trending news

FIRST PUBLISHED :

November 5, 2024, 13:47 IST

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