बर्लिन: इजरायल में बनी एरो 3 मिसाइल रक्षा प्रणाली अब यूरोप की सुरक्षा करेगी। जर्मनी में इसका निर्माण शुरू हो गया है, जिसे बर्लिन के दक्षिण में स्थित एक एयरबेस पर किया जा रहा है। जर्मन सेना के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी है। प्रवक्ता ने बताया कि साल 2025 तक इसका शुरुआती ऑपरेशन क्षमता पाने का लक्ष्य बनाया गया है। वहीं, 20230 तक पूरी तरह से ऑपरेशनल क्षमता हासिल करने की उम्मीद है।
तीन जगहों पर होगा रक्षा प्रणाली का निर्माण
इजरायल में विकसित इन रक्षा प्रणालियों के लिए तीन ठिकानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें पहला होल्जडॉर्फ एयरबेस पर स्थित होगा। यह बांडेनबर्ग और सैक्सोनी-अनहाल्ट राज्यों के बीच की सीमा पर जर्मन राजधानी से लगभग 75 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
एरो-3 वायु रक्षा प्रणाली की खासियत
जर्मनी ने देश की वायु रक्षा प्रणाली में कमी को पूरा करने के लिए इजरायल से एरो-3 सिस्टम की खरीद की है। एरो-3 सिस्टम इजरायल की सबसे शक्तिशाली और सटीक मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली है, जो 100 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर आने वाली मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने में सक्षम है। यह खतरों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही वायुमंडल के बाहर बेअसर कर देता है। यह बैलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है।
जर्मनी के पास पहले ऐसी क्षमता नहीं थी। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद देश की मौजूदा वायु रक्षा प्रणाली को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया गया था और अब उनका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। जर्मनी ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यूरोपीय स्काई शील्ड पहल (ESSI) का समर्थन किया है।
2028 तक पूरा होगा निर्माण
जर्मन सेना की खरीद एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि होल्जडॉर्फ में निर्माण कार्य 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। अन्य दो जगहों के बारे में उन्होंने कहा कि उत्तरी जर्मनी में ठिकानों के लिए प्रारंभिक दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। निर्माण योजना अगले चरण में शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी ठिकानों के लिए अभी तक कोई स्थान निर्धारित नहीं किया गया है।