प्रिय युवा साथियों, उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने के लिए जल्द ही नया कानून लाने जा रहे हैं। किसी भी कीमत पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं करेंगे। -सीएम योगी ने एक्स पर लिखा
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पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया।
भास्कर एक्सप्लेनर में एक्सपर्ट्स के सवाल-जवाब के जरिए जानेंगे कि सरकार इसे क्यों ला रही? इसे लागू करने में कितना समय लग सकता है? कैसे लागू होगा? दूसरे राज्यों में क्या है और कितना सख्त हो सकता है कानून…
सवाल- 1: पेपर लीक, नकल रोकने का कानून कौन-सा विभाग बनाएगा?
जवाब: सबसे पहले नकल रोकने के कानून का मसौदा तैयार किया जाएगा। इसमें न्याय एवं विधि विभाग और गृह विभाग काम करेंगे। मसौदा बनाकर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा, क्योंकि दोनों विभाग सीएम योगी के पास हैं।
सवाल- 2: कानून में सजा के क्या प्रावधान होंगे?
जवाब: अन्य राज्यों से कड़ा कानून लाया जाएगा। सजा के प्रावधान के लिए अन्य राज्यों से तुलना की जाएगी। इसका मसौदा तैयार करने वाले विभाग देखेंगे कि आरोप सिद्ध होने पर अधिकतम कितनी सजा हो सकती है? गृह विभाग देखेगा कि कोर्ट में इस कानून के तहत आरोपी को अधिकतम क्या दंड दिलवाया जा सकता है।
अगर राजस्थान के मॉडल पर यूपी सरकार जाती है, तो उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माने के दंड का प्रावधान किया जा सकता है। इसमें एनएसए या गैंगस्टर जैसे एक्ट लगाए जा सकते हैं। अगर ये कानून इसके दायरे में आए, तो इनकी संपत्तियों पर बुलडोजर भी चल सकता है। आर्थिक नुकसान की भरपाई संपत्तियों को जब्त कर की जा सकती है।
सवाल- 4: कानून लाने की क्या प्रक्रिया है?
जवाब: कानून लागू करने के लिए विधिक जांच के बाद इस मसौदे को दो तरीके से लागू किया जा सकता है।
पहला तरीका: अगर सत्र चल रहा है, तो इसे विधानसभा और विधान परिषद में पेश किया जाएगा। जहां दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से इसे पास किया जाएगा। फिर मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही ये कानून बन जाएगा और लागू कर दिया जाएगा।
दूसरा तरीका: अगर सत्र नहीं चल रहा है तो इस कानून को अध्यादेश लाकर लागू किया जा सकता है। इसमें भी राज्यपाल के सहमति की जरूरत होगी। अध्यादेश लागू होने से 6 महीने के भीतर इसे दोनों सदनों से पारित कराना होगा। अगर ये नहीं हो पाया तो मुख्यमंत्री कैबिनेट की सहमति से अध्यादेश को 6 महीने के लिए फिर से बढ़ा सकते हैं। यही प्रक्रिया अगले 6 महीने के लिए भी लागू होगी।
सवाल- 5: पेपर लीक के मामले रोकने के लिए सरकार ने तत्काल क्या कदम उठाए हैं?
जवाब: सीएम योगी ने कहा है- चयन परीक्षाओं के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों को ही सेंटर बनाया जाए।
सेंटर वही होंगे, जहां CCTV की व्यवस्था होगी। परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में होंगे। परीक्षा केंद्र बनाने में महिलाओं और दिव्यांगों की सहूलियतों का ध्यान रखा जाए। अगर एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है, तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी शामिल न हो।
सवाल- 6: यूपी में पेपर लीक रोकने के लिए पहले से क्या कानून है?
जवाब: पेपर लीक के आरोपी आसानी से जमानत पर छूट जाते हैं। वजह है, सख्त कानून का न होना। यूपी में साल 1998 में बने कानून के तहत ही कार्रवाई की जाती है। एक से सात साल की सजा और 10 हजार जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में, आरोपियों को कड़ी सजा का कोई डर नहीं रहता।
सवाल- 7: पेपर लीक रोकने के लिए केंद्र सरकार ने क्या कानून बनाया?
जवाब: केंद्र ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल पर लगाम लगाने के लिए 5 फरवरी को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। इसमें परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों के लिए कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह बिल लोकसभा में पास हो गया है, अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। उनकी सहमति के बाद कानून बनेगा।
ये परीक्षाएं दायरे में आएंगी…
सवाल- 8: देश के दूसरे राज्यों में क्या है कानून?
जवाब: देश के 6 अन्य राज्यों में अभी यूपी की तरह ही कानून है। छत्तीसगढ़ में 2008 में, झारखंड में 2001 में, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1997 में, ओडिशा में 1998 में और महाराष्ट्र 1982 में लागू किए गए ऐसे ही पुराने नकल रोधी कानून हैं।
एक साल पहले राजस्थान में सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2023 लागू किया गया था। इस नए कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम बनाया गया है। पेपर लीक मामले में दोषियों को जल्दी सजा मिले, इसके लिए हर आरोपी का कोर्ट में अलग ट्रायल कराया जा रहा है। गुजरात और उत्तराखंड मे भी कानून में संशोधन करके सख्त बनाया गया है।
सवाल- 9: क्या सख्त कानून से धांधली रुक जाएगी?
जवाब: इस सवाल पर पूर्व आईपीएस राम प्रताप सिंह कहते हैं- केवल सख्त कानून बनाने से इस तरह के मामलों पर लगाम नहीं लगेगी। क्या जिन प्रदेशों में यहां से ज्यादा सख्त कानून है, वहां नकल माफिया निष्क्रिय हो गए हैं? मेरा मानना है कि सबसे पहले परीक्षा कराने वाले विभागों को सख्त करना होगा। पेपर लीक के ज्यादातर मामलों में इन्हीं की संलिप्तता सामने आई है। इसके लिए कुछ ऐसा फुलप्रूफ प्लान बनाना चाहिए ।
सवाल 10: कैसा कानून बने कि बंद हो जाएं पेपर लीक के मामले?
जवाब: यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है- कानून सख्त हो, ये जरूरी है। कानून में NSA और गैंगस्टर जैसी धाराएं लगानी चाहिएं। जिनकी भी संलिप्तता सामने आए, उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चले, जब्ती हो। लंबे समय के लिए जेल जाएं। तब जाकर खौफ पैदा होगा और इन घटनाओं पर लगाम लगेगी।