वियना: ऑस्ट्रिया के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने यूक्रेन में शांति की अपील करते हुए कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा, आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई है। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों, चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति, सभी पर विस्तार से बात की है। मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जंग के मैदान में समाधान नहीं निकल सकता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘समस्याओं का समाधान रणभूमि पर नहीं हो सकता है। कहीं भी हो, युद्ध में मासूमों की जनहानि स्वीकार्य नहीं है। भारत और ऑस्ट्रिया शांति का बहाली के लिए डॉयलाग और डिप्लोमेसी पर बल देते हैं। इसके लिए हम दोनों मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।’ यूक्रेन युद्ध के साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘हम दोनों आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि ये किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इसको किसी तरह भी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता। हम संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में रिफॉर्म के लिए सहमत हैं, ताकि उन्हें समकालीन और प्रभावी बनाया जाए।’
नेहमर ने भी किया यूक्रेन युद्ध का जिक्र
संयुक्त प्रेस वार्ता में ऑस्ट्रिया के चांसलर नेहमर ने कहा, ‘कल रात और आज सुबह, हमने यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामक युद्ध के बारे में बहुत गहन बातचीत की। ऑस्ट्रिया के संघीय चांसलर के रूप में, मेरे लिए भारत के आकलन को जानना और उसे समझना तथा भारत को यूरोपीय चिंताओं और परेशानियों से परिचित कराना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मध्य पूर्व में संघर्ष एक प्रमुख विषय था। इस चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति के अलावा हमने अपने सहयोग के सकारात्मक पहलुओं का भी उल्लेख किया।’
भारत-ऑस्ट्रिया के संबंधों का जिक्र
नेहमर ने कहा, ‘भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। यह विश्वास का रिश्ता है जो 1950 के दशक में शुरू हुआ। भारत ने ऑस्ट्रिया की मदद की और 1955 में ऑस्ट्रियाई राज्य संधि के साथ बातचीत सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंची। भारत और ऑस्ट्रिया को जो चीज एकजुट करती है, वह भू-राजनीतिक स्थिति के विकास पर चिंता है।’