Wednesday, February 26, 2025
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Home EXCLUSIVE मोदी सरकार के खिलाफ असंतोष का अंडरकरंट, जनता बदलाव के मूड में… प्रियंका गांधी का Exclusive इंटरव्यू

मोदी सरकार के खिलाफ असंतोष का अंडरकरंट, जनता बदलाव के मूड में… प्रियंका गांधी का Exclusive इंटरव्यू

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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर देश में चुनाव प्रचार करती हुई दिख रही हैं। कांग्रेस की रणनीति बनाने और उसे जमीन पर लाने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। पार्टी के घोषणा-पत्र पर काफी बहस भी हुई। लोकसभा चुनाव-2024 के आखिरी चरण से पहले प्रियंका गांधी ने पार्टी की योजनाओं और रणनीति समेत कई मुद्दों पर नरेन्द्र नाथ से बात की:

सवाल: कांग्रेस की अहम स्टार प्रचारकों में आप शामिल हैं। चुनाव परिणाम को लेकर आपका क्या अनुमान है?
जवाब:
चुनाव जनता ही लड़ रही है और जनता बदलाव करने जा रही है।

सवाल: 2019 और 2024 के चुनाव में आपने मुद्दों और जनता के मूड में क्या फर्क महसूस किया?
जवाब:
इस चुनाव में जनता को सरकार और मीडिया की असलियत दिखने लगी है। जो मीडिया कह रहा है उस पर जनता को भरोसा नहीं है। सरकार का 10 वर्षों का प्रदर्शन सामने है। जनता देख रही है कि टीवी और मीडिया मोदी सरकार की कोई दूसरी छवि गढ़ रहा है, लेकिन वास्तविकता है कि युवाओं को भयंकर बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है। लोग महंगाई से पिस रहे हैं। मिडल क्लास पर टैक्स और बढ़ती EMI की मार है। यही वजह है कि जनता इन चुनावों में अपने मुद्दों को लेकर सतर्क है। 10 साल तक सत्ता में बैठी BJP ने इन मुद्दों पर न जनता की सुनी, न कुछ किया। जनता चुनावों में अपने मुद्दों को सुनना चाहती थी, लेकिन BJP ने भैंस, मंगलसूत्र, नल के पानी की चोरी जैसी बातें कीं। कांग्रेस और I.N.D.I.A. ने जनता के मुद्दों की बात की।

सवाल: 4 जून के बाद कांग्रेस में आप अपने लिए किस तरह की भूमिका देखती हैं? एक वर्ग मानता है कि आप पार्टी का नैरेटिव बनाने और लोगों तक बात पहुंचाने में प्रभावी भूमिका निभाती हैं।
जवाब:
पार्टी जो भी भूमिका मेरे लिए तय करेगी मैं उसे पूरी लगन से निभाऊंगी।

सवाल: भारत जोड़ो यात्रा का राहुल गांधी और पूरे कांग्रेस पर कितना प्रभाव दिखा?
जवाब:
राहुल गांधी की यात्रा जनता से जुड़ने का एक बड़ा आंदोलन थी। एक प्रयास था कि जनता के बीच जाया जाए, उनकी समस्याओं को समझें और उनकी आवाज बनें। साथ ही साथ BJP की बांटने वाली राजनीति के दौर में प्रेम, एकता, मेलजोल का संदेश उनके बीच फैलाएं। यात्रा ने पार्टी और राहुल गांधी में नई ऊर्जा का संचार किया। हमारा फोकस और केंद्रित हुआ कि हमें जनता के मुद्दों को उठाते रहना है क्योंकि जनता बहुत कष्ट में हैं। मेरे जेहन में इसकी सबसे बड़ी भूमिका यह है कि जनता में जो असंतोष का अंडरकरंट था, उसे उभारने का बड़ा काम इस यात्रा ने किया। नरेंद्र मोदी की तानाशाही ने जनता की आवाज को दबाया था वह अब देशभर में गूंज रही है।

सवाल: BJP कांग्रेस को राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर घेरने की कोशिश करती है। इन दोनों मसलों पर आपकी क्या राय है?
जवाब:
यह कोशिश लफ्ज मुझे खटकता है। मुझे धर्म और राष्ट्रवाद पर उनका काउंटर करने की जरूरत नहीं है। मेरे परिवार के सदस्यों ने इस देश के लिए अपना खून बहाया है। BJP के नेताओं से हमें देश भक्ति का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। न कभी होगी। नेता का धर्म जनता की सेवा ही होता है। इस धर्म को हम आजीवन निभाएंगे। भगवान राम से लेकर हर हिंदू धर्मगुरु और महात्मा ने यही सीख दी है। वैसे भी इन दोनों विषयों पर BJP के विचार खोखले हैं। सत्ता के लिए धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल करना और समाज में अपना स्वार्थ साधने के लिए अलगाव फैलाना अधर्म होता है। देश 140 करोड़ लोगों से मिलकर बना है। BJP देश के किसानों को आतंकवादी बोलती है। नौकरी मांगने वाले युवाओं पर लाठी बरसाती है। मिडल क्लास-आम लोगों की कोई सुनवाई नहीं करती। ऊपर से पूरे देश की पूंजी अपने 22 दोस्तों को पकड़ा देती है। वह इलेक्टोरल बॉण्ड, चुनावी वादों के विषय में देश के 140 करोड़ लोगों से विश्वासघात करती है। चुनी हुई सरकारें धनबल से गिराती है। देशवासियों का अहित करने वाली BJP राष्ट्रवादी कैसे हो गई? भारत के लोगों के लिए धर्म एक गहरी भावना है। लोग धर्म धारण कर अपने आचरण में सुधार करते हैं। धर्म को नैतिक मार्ग तय करने का साधन बनाते हैं। जैसा गांधी जी और स्वामी विवेकानंद जी ने किया था। उन्होंने धर्म को सत्ता का नहीं, नैतिकता का साधन बनाया। BJP को देखें, उनके नेता कहते हैं मोदी जी भगवान से बड़े हैं। मोदी जी खुद कहने लगे हैं कि वह देवदूत हैं।

सवाल: I.N.D.I.A. के बारे में कहा गया कि उसमें नेतृत्व को लेकर उलझन है। क्या आप शासन के प्रेजिडेंशल फॉर्म से सहमत हैं?
जवाब:
गठबंधन में तालमेल बहुत अच्छा है। सारी बातें सबकी सहमति से तय हो रही हैं। चुनाव के दौरान मेरा खुद का अनुभव रहा है कि हर जगह सभी पार्टियों ने एकजुटता दिखाई है। यह कार्यकर्ताओं में भी देखने को मिला। जब हमारा संविधान बना तो भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना आजाद जैसी विभूतियों ने अपनी भूमिका निभाई। मैं सोचती हूं कि अगर उन्होंने हमारे देश के लिए प्रेजिडेंशल शासन नहीं चुना तो इसमें उनका विवेक जरूर होगा। इसे आज बदलने की क्या जरूरत है? क्योंकि आज हमारे प्रधानमंत्री को लगता है कि एक व्यक्ति के हाथों में ही सारी सत्ता होनी चाहिए? इसलिए अब हम अपनी पूरी कार्यशैली और संवैधानिक प्रक्रिया बदल डालें? मुझे यह उचित नहीं लगता।

सवाल: ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस अपनी बात कमजोर कम्युनिकेशन के कारण जनता तक नहीं पहुंचा पाती है। इस बार कांग्रेस के वादे लोगों तक पहुंचे, क्या रणनीति रही?
जवाब:
मैंने पहले ही कहा कि इस बार हम जनता के मुद्दों पर एकदम फोकस कर रहे हैं। मीडिया, BJP ने भटकाव की बहुत कोशिश की, लेकिन हमारा ध्यान जनता की समस्याओं और उन्हें दूर करने वाली गारंटियों पर केंद्रित है। जैसे- महिलाएं महंगाई से परेशान हैं तो हम सीधे उस समस्या का हल दे रहे हैं कि गरीब परिवार की एक महिला को हर महीने 8500 रुपये मिलेंगे। 10 किलो राशन देंगे, 25 लाख तक स्वास्थ्य बीमा देंगे और शिक्षा का लोन माफ करेंगे।

सवाल: पिछले कुछ वर्षों में कई पुराने और नए नेता पार्टी छोड़कर गए। क्या पार्टी के मनोबल पर इसका असर पड़ा है?
जवाब:
विपक्ष और संघर्ष की राजनीति हमेशा कठिन होती है। जो लड़ने वाले हैं लड़ रहे हैं, जो झुकने वाले और डरने वाले हैं, वे जा रहे हैं। हां, पार्टी का मनोबल गिरता है, मगर लड़ने की हिम्मत भी बढ़ती है क्योंकि धीरे-धीरे वैसे लोग उभरते हैं जिनमें साहस है।

सवाल: इस चुनाव में संविधान लोगों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा बना। इस बहस को किस तरह देखती हैं?
जवाब:
सवाल इससे गहरा और गंभीर है। सवाल है कि आज जनता प्रधानमंत्री पर इतना भी भरोसा नहीं कर सकती कि वह संविधान को बदल नहीं डालेंगे। प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की हर संस्था को तोड़ा और कमजोर किया है। यह हमारे देश के लिए एक बहुत गंभीर समस्या है। उन्होंने संविधान को बदलने की बात खुद शुरू की और जनदबाव पड़ने पर आज हर जगह खुद खंडन कर रहे हैं। लोकतंत्र और देश के लिए ये बातें खतरनाक होती हैं। प्रधानमंत्री पद का एक स्तर होता है। एक जिम्मेदारी होती है। आज वह हल्की लगने लगी है। संविधान को बदलने का मतलब है कि आप जनता के अधिकारों को, आरक्षण को कमजोर करेंगे। यह लोकतंत्र के लिए घातक है।

सवाल: BJP ने आरोप लगाया कि मंगलसूत्र छीन लिए जाएंगे, कांग्रेस पिछड़ों का आरक्षण मुस्लिम समुदाय को दे देगी। इस पर आप क्या कहेंगी?
जवाब:
BJP ने ये आरोप हमारे घोषणा-पत्र का हवाला देते हुए लगाए हैं। मैं चाहती हूं कि सभी लोग और BJP भी हमारे घोषणा-पत्र को जरूर पढ़ें। मैं BJP के लोगों को चुनौती देती हूं कि कोई भी हमारे घोषणा-पत्र में ये बातें ढूंढ के दिखाए। हमारे घोषणा-पत्र में है कि हम महिलाओं को हर महीने 8500 रुपये देंगे। 30 लाख पद भरेंगे। किसानों को MSP देंगे। मगर, प्रधानमंत्री हमारे घोषणा-पत्र के बारे में इतना क्यों बोल रहे हैं? क्या उनका कोई घोषणा-पत्र नहीं है? BJP देश के भविष्य के लिए क्या योजना बना रही है? बेरोजगारी और महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए क्या है? उनकी कोई सोच ही नहीं है, इसलिए हमारे घोषणा-पत्र में जो नहीं है उसकी खुद कल्पना करके मीडिया से उस पर चर्चा करा रहे हैं।

सवाल: जांच एजेंसियों का दबाव नेताओं पर काफी बढ़ा है। क्या इसका दबाव महसूस होता है?
जवाब:
जांच एजेंसियां आज निष्पक्ष नहीं रहीं। वह खुद दबाव में हैं। कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी भी इस तरह के दबाव में काम करना पसंद नहीं करता। दुख की बात है कि जिन एजेंसियों को अपराध रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह आज एक तानाशाह के राजनीतिक खेल और साजिशों में मोहरा बन गई हैं। जहां तक हमारे ऊपर दबाव की बात है, क्या कहूं? उन्होंने कोशिश बहुत की। यहां तक कि मेरी 77 साल की मां को भी पूछताछ के लिए बुलाया, जबकि सब जानते हैं कि उनकी सेहत नाजुक है। मगर सच कहूं तो जब मेरे पति पहली बार गए थे तो मेरे बच्चों को चिंता हुई थी। दूसरी बार कम हुई और फिर जब वह बार-बार गए तो इसका असर ही खत्म हो गया। मेरे पति और भाई, दोनों ने बड़ी दृढ़ता से इन सब चीजों का सामना किया। आज निजी तौर पर मेरा पूरा परिवार इस आक्रमण की वजह से और मजबूत, एकजुट और साहसी बन गया है।

सवाल: महिला वोटर इन दिनों चुनाव में X-फैक्टर के रूप में उभरी हैं। उन्हें जोड़ने के लिए कांग्रेस की क्या रणनीति है?
जवाब:
महिला का सशक्तीकरण रणनीति का नहीं जिम्मेदारी का प्रश्न है, दृष्टि का प्रश्न है। महिला सशक्तीकरण राष्ट्रीय जरूरत है। जब मैंने महिलाओं को चुनाव के केंद्र में लाने की मुहिम शुरू की थी तो BJP नेता इसका मजाक उड़ाते थे। मगर, खुश हूं कि हमारी पहल के बाद आज सभी पार्टियां महिलाओं के लिए घोषणाएं कर रही हैं। महिलाओं पर बात हो रही है। कांग्रेस ने देशभर में महिलाओं की आवाज सुनी। हमने अपने घोषणा-पत्र में कहा है कि गरीब परिवारों की एक महिला को सालाना एक लाख रुपये देंगे, केंद्र की नौकरियों में महिलाओं को 50% आरक्षण मिलेगा, आशा-आंगनबाड़ी के मानदेय में बढ़ोतरी होगी, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। कर्नाटक और तेलंगाना में हमारी सरकारों ने महिला सशक्तीकरण के मॉडल तैयार किए हैं और उन पर हमारा ध्यान केंद्रित है।

सवाल: तमाम विपक्षी दलों के नेताओं में आपकी किनसे अच्छी बनती है?
जवाब:
सबसे ही अच्छे रिश्ते हैं। निजी तौर पर ममता दीदी के साथ मेरी अच्छी आत्मीयता है। वैसे राजनीतिक मामलों में मैंने कभी उनसे बात नहीं की है। लालू प्रसाद यादव जी के साथ भी बहुत समय से मेरा अच्छा रिश्ता रहा है। उनका मैं आदर करती हूं।

नरेंद्र नाथ

लेखक के बारे में

नरेंद्र नाथ

नरेन्द्र नाथ नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह राजनीति से जुड़ी खबरों को नजदीक से फॉलो करते हैं इस बारे में आपको हर घटनाक्रम से वाकिफ कराते रहेंगे। पीएमओ को भी कवर करते हैं और इससे भी जड़ी हर खबर पहुंचाने की कोशिश रहेगी। … और पढ़ें

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