Wednesday, January 8, 2025
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Home मैं मां की कार्बन कॉपी नहीं हूं, बांसुरी स्वराज बनने आई हूं… एनबीटी से बोलीं बीजेपी कैंडिडेट

मैं मां की कार्बन कॉपी नहीं हूं, बांसुरी स्वराज बनने आई हूं… एनबीटी से बोलीं बीजेपी कैंडिडेट

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नई दिल्ली: आप चुनावी राजनीति की शुरुआत कर रही हैं, आपका पहला चुनाव है, टिकट मिलने से लेकर चुनाव प्रचार तक का कैसा अनुभव है?
चुनाव भले ही पहला है, लेकिन यह टिकट मेरा नहीं है। टिकट पूरी बीजेपी की है, कार्यकर्ताओं की है। उनका अनुभव मेरे साथ है। 2 मार्च से मैंने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। जनता का आशीर्वाद मिल रहा है। पीएम मोदी की योजनाओं का असर है, उनके विकसित भारत के विजन की वजह से जनता का विश्वास मेरे ऊपर है।

कहीं कोई चिंता तो नहीं?
जवाब: कृष्ण भक्त चिंता नहीं करते। कर्म आपके हाथ में होता है, परिणाम नहीं। इसलिए मैं कोई चिंता नहीं करती हूं।

आपका मिश्रित लोकसभा क्षेत्र है, लोग आपको क्यों वोट दें, क्या विजन है आपका?
जवाब: हां, यह सच है। गोल्फ लिंक है, एनडीएमसी एरिया भी है और कैंप भी। दिल्ली दिल है तो नई दिल्ली उसकी धड़कन है। यहां पूरा देश परिलक्षित होता है, भाषा समुदाय हर लिहाज से अलग है। जहां तक विजन की बात है तो मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं को दिल्ली में भी लागू करना है। चाहे आयुष्मान भारत हो, पीएम आवास योजना हो, लखपति दीदी हो, स्टार्टअप योजना हो, इसे दिल्ली में लागू करना है। अगर जरूरत हुई तो इसके लिए कोर्ट तक जाऊंगी, लेकिन पूरी कोशिश करूंगी कि इन योजनाओं का फायदा दिल्ली की जनता को भी मिले। इसके अलावा ट्रैफिक की समस्या का हल निकालना, सुरक्षा के लिए नाइट सर्विलांस करना और इसके लिए रात में भी ड्रोन इस्तेमाल करने की कवायद शुरू करना है ताकि महिला सुरक्षा से लेकर जनता की सेफ्टी सुनिश्चित की जा सके।

सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से क्या लगता है कि सहानुभूति उनके पक्ष में जा सकता है?
जवाब: सच कहूं तो आम आदमी पार्टी झगड़ालू सरकार है। केंद्र सरकार समन्वय के साथ काम करना चाहती है, इसको लेकर कोशिश भी करती है, लेकिन यह सरकार निगेटिव राजनीति करती है। जिससे सबसे ज्यादा नुकसान जनता को हो रही है। इन्हें तो कोर्ट ने भी लताड़ा था, बजट का बहुत बड़ा हिस्सा विज्ञापन पर खर्च करती है। मैं कहूंगी प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार। जहां तक सहानुभूति लहर की बात है तो दिल्ली के बाहर लोगों को उतना सच पता नहीं है, जितना दिल्ली वाले रोज इससे गुजरते हैं। जब पहली बार ईडी ने समन भेजा था तो कहा कि पहली बार नवंबर में समन भेजा था, तब विपश्यना का बहाना बनाया, फिर समन को ही अवैध बोलने लगे। यहां तक कि केजरीवाल ने अपने अरेस्ट को गैरकानूनी करार दिया। लेकिन दिल्ली की जनता पूरा सच जानती है और यहां के वोटर बहुत समझदार हैं।

पीएम परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हमला करते रहते हैं, लेकिन यह बात तो आप पर भी लागू होती है?
जवाब: मैं एक दशक से सेवा कर रही थी। वकालत का 17वां साल है। पहले आदेश आया कि विधिक प्रकोष्ट में सह संयोजक के तौर पर सेवा देने का, मैंने वही किया। फिर प्रदेश बीजेपी में मंत्री की भूमिका दी, अब लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। यहां एक बात साफ कर दूं टिकट मिलना दायित्व है न कि रिवार्ड।

लेकिन आपकी मां भी बीजेपी में थीं और चुनावी राजनीति में एक्टिव थीं और अब आप भी?
जवाब: मेरी मां राजनीति में थी तो क्या मेरे लिए राजनीति निषेध है? जो पार्टी के लिए काम करते हैं, उन्हें पार्टी मौका देती है। हमारे यहां बाकी पार्टी की तरह परिवारवाद नहीं है जहां सीएम केवल सरनेम की वजह से बन रहे हैं, पीएम सरनेम की वजह से, पार्टी उनकी जागीर जैसी होती है। बीजेपी में ऐसा कुछ नहीं है।

आपके ऊपर सुषमा स्वराज जैसी बनने का प्रेशर भी होगा?
जवाब: मैं किसी चीज का बोझ नहीं लेती हूं। अगर जनता अपेक्षा रखती है तो सर आंखों पर। किंतु एक बात साफ कर दूं कि मैं यहां अपनी मां की कार्बन कॉपी बनने नहीं आई हूं, मैं बांसुरी स्वराज बनने आई हूं।

आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को किस प्रकार देखती हैं?
जवाब: इनका अलायंस नेचुरल नहीं है। आप पावर में कांग्रेस की खिलाफत करके आई है। दिल्ली में कांग्रेस को हटाकर सत्ता में आई तो पंजाब में भी ऐसा ही हुआ। नुकसान के साथ-साथ कांग्रेस की सत्ता भी आप छीन रही हैं। जब केजरीवाल आए थे तो उनका कहना था कि कांग्रेस के साथ कभी अलायंस नहीं करेंगे, कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते रहते थे। आज आप सिर से लेकर पांव तक करप्ट हो गई है, कांग्रेस और आप एक दूसरे के पर्याय बन चुकी है। इस अलायंस से कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश हैं, यही वजह है कि अरविंदर सिंह लवली जैसे नेता छोड़ गए। कांग्रेस में अजीब स्थिति बन गई है, शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ता डिसकनेक्ट हो चुके हैं, यहां तक कि राम लला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण तक ठुकरा दिया। यह सब राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया जा रहा है।

दिल्ली में क्राइम तेजी से बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए क्या करेंगी आप?
जवाब: सेंट्रल ने मुहिम शुरू कर दी है। जुलाई से इसका असर दिखेगा। नए कानून लागू होने के साथ क्राइम पर रोक लगेगी। इस कानून में कड़क प्रावधान हैं। कानून तभी सफल है जब जमीन पर दिखे। जुलाई में जमीन पर यह दिखना शुरू हो जाएगा।

रोजगार को लेकर विपक्ष लगातार आपकी सरकार को घेर रही है?
जवाब: रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरी नहीं होती है। हम निवेश से नौकरी देने की दिशा में काम करेंगे। देश आज स्टार्टअप हब बन गया है। टेक्नोलॉजी में हम आगे जा रहे हैं। दुनिया की पांचवीं आर्थिक शक्ति बन चुके हैं और तीसरी बनने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह बिना रोजगार और आर्थिक तरक्की के संभव है क्या? नए नए रोजगार के आयाम शुरू हो रहे हैं। पीएम सूर्य घर, इसमें से एक है। सोलर पैनल लगाओ, बिजली बनाओ और पैसे भी कमाओ।

काम करने और फंड का एलोकेशन कैसे करेंगी?
जवाब: जनता के काम हैं, इसलिए जनता के अनुसार होंगे। आरडब्ल्यूए को अपने फंड का 25 पर्सेंट बजट दूंगी। उनकी राय पर, उनके अनुसार काम किया जाएगा, ताकि सही जगह पर पैसा खर्च हो और जनता खुश रहे।

अनुभव शाक्य

लेखक के बारे में

अनुभव शाक्य

2021 में IIMC से पत्रकारिता की पढ़ाई करके ज़ी न्यूज से पत्रकारिता में एंट्री की। यूपी के एटा में जन्म लिया लेकिन पढ़ाई-लिखाई अलीगढ़ में हुई। करीब डेढ़ साल वहां देश-दुनिया की खबरें लिखने के बाद अब नवभारत टाइम्स में न्यूज टीम में काम कर रहे हैं। राजनीति, टेक्नोलॉजी और फीचर में रुचि रखने के साथ-साथ लिखने पढ़ने के शौकीन हैं। फिल्में और वेबसीरीज देखना खूब भाता है। अपने अंदाज में लिखना और बात करना पसंद है।… और पढ़ें

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