Friday, November 29, 2024
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‘मैं कस्टम ऑफिसर बोल रहा हूं’, एक फोन कॉल से डरी प्रोफेसर गंवा बैठी 87 लाख

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साइबर ठग महिलाओं को सोफ्ट टारगेट बना रहे हैं.
साइबर ठग महिलाओं को सोफ्ट टारगेट बना रहे हैं.

जोधपुर. जोधपुर शहर में एक के बाद एक डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले सामने आ रहे हैं. बीते माह साइबर ठगों ने आईआईटी की प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 13 लाख की ठगी की थी. उसके बाद अब साइबर ठगों ने एक और रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को डिजीटली अरेस्ट कर उससे 87 लाख रुपये की ठगी कर डाली. पहला कॉल कस्टम ऑफिसर के नाम से किया गया. ठगी के दौरान ठगों ने उनको रोजाना कई कॉल किए. ठगों ने पीड़िता को इतना डराया कि उसने अपने बैंक एकाउंट खाली कर डाले और एफडी तुड़वा डाली. रातानाड़ा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट जिला पूर्व के एडीसीपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार साइबर ठगों का डॉक्टर अरुणा सोलंकी शिकार हुई हैं. उनसे यह पूरी ठगी 20 अगस्त से 5 सितंबर के बीच की गई. इस दौरान बदमाशों ने पीड़िता को डिजिटल अरेस्ट करके रखा. पीड़िता इतना घबरा गई थी कि उसने अपने विदेश में रहने वाले बच्चों और पति तक को यह बात नहीं बताई. डॉ. अरुणा सोलंकी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष भी रही हैं. रिटायरमेंट के बाद वे पाली मेडिकल कॉलेज में रही. 70 वर्ष की उम्र में 31 जुलाई को वहां से रिटायर होने से पहले वहां की प्राचार्य भी रही.

कस्टम ऑफिसर प्रमोद कुमार के नाम से फोन किया
पहले एक साइबर ठग ने उनको कस्टम ऑफिसर प्रमोद कुमार के नाम से फोन किया. उसने प्रोफेसर से कहा कि उनका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है. उसमें नशे की सामग्री एमडी मिली है. उसके साथ में कई जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड भी मिले हैं. यह मामला मुंबई पुलिस को दिया गया है. इसके बाद मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर सुनील कुमार ने फोन किया और फाइनेंशियल जानकारी लेकर ठगी को अंजाम दिया. ठगों ने प्रोफेसर को कई बड़ी एजेंसीज के पत्र भेजे. उसमें सीबीआई, ईडी, मुंबई, हाईकोर्ट, ट्राई और मुंबई क्राइम ब्रांच सहित कई विभागों तथा एजेंसीज के सील लगे दस्तावेज शामिल थे. इन सबसे वे बुरी तरह से डर गईं.

ठगों ने धमकाया मुंबई आना पड़ेगा
पीड़िता ठगों के फोन कॉल से इतनी डर गई कि उसने उनको सबकुछ बता दिया. ठगों ने उनसे पूछा कि एफडी कितनी है. बाद में चार लेटर भेजे. उसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर भी थे. बदमाशों ने पीड़िता से उसका तीन साल का वित्तीय लेनदेन संबंधी रिकॉर्ड ले लिया. फिर दबाव देकर 51 लाख की तीन अलग-अलग एफडी तुड़वाकर खाते के डलवा लिए. उनको आगे ट्रांसफर करवा लिया. इसके बाद भी लगातार रोजाना कॉल कर धमकियां देते रहे. बदमाशों ने कहा कि उन्हें अग्रिम जमानत लेनी पड़ेगी. इसके लिए उन्हें मुंबई आना पड़ेगा. इस पर जब उन्होंने असमर्थता जताई तो जमानत याचिका के नाम पर 8 लाख रुपये और ट्रांसफर करवा लिए.

ठग बोले पूरी राशि वापस लौटाई जाएगी
ठगों ने पीड़िता को आश्वासन दिया कि उनकी पूरी राशि वापस लौटाई जाएगी. फिर 28 अगस्त को डॉक्टर से फोन कर कहा कि आपके बाकी के एफडी को भी रिव्यू करना है. इस पर पीड़िता मना कर दिया. उन्होंने कहा कि पहले मेरे रुपये वापस करो. इस पर बदमाशों ने फिर धमकाया. इसके चलते चलते 21 लाख रुपये की एफडी के तुड़वा कर फिर एक खाते में ट्रांसफर करवा लिए. तीन सितंबर फिर कहा कि आपको नो क्राइम बॉन्ड लेने पड़ेंगे. इसके लिए पांच लाख रुपए लिए.

रिफंड के लिए वकील काम करेगा
5 सितंबर को कहा कि रिफंड के लिए वकील काम करेगा. उसकी फीस के दो लाख देने होंगे. आखिरकार डॉक्टर ने दो लाख और दे दिए. इसके बाद कॉल आने बंद हो गए. ठगों की ओर जितनी बार भी जिन नंबरों से फोन किया गया उन पर फिर कभी बात नहीं हो पाई. अंतत: थकहार कर पीड़िता पुलिस के पास पंहुची और ठगों के खिलाफ केस दर्ज कराया. बहरहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है.

Tags: Cyber Crime, Jodhpur News, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

September 22, 2024, 09:08 IST

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