माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं…खरगे का निर्मला सीतारमण पर ‘जलेबी-पकौड़े’ बांटने का कटाक्ष
विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया. खरगे ने बजट को ‘कुर्सी बचाओ’ बजट करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की.
राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार के बजट में किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों की जनता ने बीजेपी को नकार दिया है, उन राज्यों को इस बजट से कुछ नहीं मिला. सबकी थाली खाली है. सिर्फ दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश की थाली में पकौड़े और जलेबी हैं. उन्होंने कहा कि यह बजट केवल उनकी कुर्सी बचाने के लिए लाया गया है. उन्होंने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला है.
बुधवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देने की अनुमति देने का आग्रह किया, खरगे ने टिप्पणी की, “मुझे अपनी बात समाप्त करने दीजिए. मुझे पता है, माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने तर्क दिया कि राज्यों के बीच संतुलन के बिना कोई विकास नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा. यह सिर्फ किसी को खुश करने के लिए…कुर्सी बचाने के लिए… यह सब हुआ है. हम इसकी निंदा करते हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इंडिया गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं.’
खरगे की बात पूरी होने के बाद जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देने के लिए मंच दिया गया, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर चले गए.
मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने कहा कि बजट पेश करने के दौरान महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया लेकिन हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी दे दी है.
वित्त मंत्री कहा कि यदि भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं है तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएं, भारत सरकार के कार्यक्रम, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, एआईआईबी और इस तरह के संस्थानों से मिलने वाली विदेशी सहायता इन राज्यों में नहीं जाती हैं? वे एक तय कार्यक्रम के अनुसार जारी रहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के व्यय विवरण में मदवार राज्यों के आवंटन का जिक्र होता है.
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FIRST PUBLISHED :
July 24, 2024, 19:51 IST