नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश ने अप्रैल में टैक्स रेवेन्यू में 19 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। ऐसा करते हुए उसने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मासिक संग्रह में तमिलनाडु को पीछे छोड़ दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने उत्तर प्रदेश में जीएसटी संग्रह 19 फीसदी बढ़कर 12,290 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद सबसे अधिक है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश जीएसटी संग्रह के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया। वहीं, तमिलनाडु 12,210 करोड़ रुपये के कर संग्रह के साथ चौथे से पांचवें स्थान पर खिसक गया। तमिलनाडु का जीएसटी संग्रह अप्रैल में छह फीसदी बढ़ा है।
तमिलनाडु की रैंक ज्यादा रहती आई है
परंपरागत रूप से तमिलनाडु में जीएसटी संग्रह सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की तुलना में अधिक रहता रहा है। अप्रैल, 2023 में तमिलनाडु का जीएसटी संग्रह 11,559 करोड़ रुपये था जबकि उत्तर प्रदेश का 10,320 करोड़ रुपये था।
एक महीने पहले मार्च में तमिलनाडु का टैक्स कलेक्शन 11,017 करोड़ रुपये था। जबकि उत्तर प्रदेश ने 9,087 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया था। फरवरी में भी तमिलनाडु का संग्रह 9,713 करोड़ रुपये था जो उत्तर प्रदेश के 8,054 करोड़ रुपये से अधिक था।
जीएसटी कलेक्शन में टॉप पर महाराष्ट्र
राज्यों के कुल जीएसटी संग्रह के मामले में महाराष्ट्र 37,671 करोड़ रुपये के संग्रह के साथ सबसे आगे है। महाराष्ट्र में जीएसटी संग्रह अप्रैल में 13 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल में 15,978 करोड़ रुपये के संग्रह के साथ कर्नाटक जीएसटी राजस्व में दूसरा बड़ा योगदानकर्ता है जबकि गुजरात ने 13,301 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 13 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की।
जीएसटी संग्रह पहली बार एक महीने में दो लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। अप्रैल में यह 12.4 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा है।