मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है। मंत्री धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे का मुद्दा गरमाने की संभावना है। वहीं विपक्ष भी लाडली बहना योजना को लेकर सरकार की आलोचना कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने अलग-अलग मापदंड लागू कर लाभार्थी बहनों की संख्या कम कर दी है। इसके अलावा फरवरी की किस्त भी अभी तक नहीं मिली है। इसको लेकर महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बड़ी महत्वपूर्व सूचना दी है। वहीं इस योजना को लेकर एक सर्वे भी किया जा रहा है। सरकार का रुख यह है कि पहले दी गई राशि लाडली बहनों से वापस नहीं ली जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस बारे में साफ तौर पर बोलते नजर आए।
कितनी महिलाओं को मिलेगा लाडली बहना योजना का पैसा?
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने सोमवार को लाडली बहना योजना के बारे में कहा कि इसका लाभ दो करोड़ चालीस लाख महिलाओं तक पहुंचा है। इसलिए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के लाभार्थी फरवरी में भी वही रहेंगे। विपक्ष शुरू से ही इस बारे में आरोप लगाता रहा है। जब से इसकी घोषणा हुई है, तब से वे इस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं।
लाडली योजना का पैसा इस दिन आएगा?
विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में अदिति तटकरे ने कहा कि पिछले पांच-छह महीनों से इस योजना के प्रति महिलाओं की प्रतिक्रिया से विपक्ष हताश हो रहा है। महायुति सरकार सक्षम है। हम लाडली बहना योजना को सफलतापूर्वक जारी रखेंगे। अदिति तटकरे ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि वह 8 मार्च को महिला दिवस पर अपनी लाडली बहनों को किस्त देंगी।
लाडली बहना योजना में मार्च की किस्त कब मिलेगी?
तटकरे ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया 5 मार्च से शुरू होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि मार्च की किस्त 26 मार्च को बजट सत्र की समाप्ति से पहले वितरित कर दी जाएगी, जबकि फरवरी का भत्ता अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) की पूर्व संध्या पर लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
1500 से 2100 कब होगा लाडकी बहना योजना का पैसा?
इस दौरान लाडली बहना योजना का पैसा 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने के सरकार के चुनावी वादे के बारे में पूछे जाने पर अदिति तटकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बारे में फैसला करेंगे। तटकरे ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना को कतई बंद नहीं करेंगे। भले ही अलग-अलग योजनाओं का बहुत दबाव हो, लेकिन हम अपनी लाडली बहन सहित किसी भी कल्याणकारी योजना को नहीं रोकेंगे।
योजना के अपात्रों पर क्या कहा?उन्होंने कहा कि हमने राज्य के वित्तीय अनुशासन का पालन किया है। सीएजी के निर्देशानुसार, जो लोग लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें योजना में शामिल नहीं किया जा सकता, हम केवल उसका पालन करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि महाराष्ट्र देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जो ऐसी योजनाओं में सबसे अधिक धनराशि का योगदान करता है।