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‘ममता सरकार कोर्ट में क्यों आई है…’ जब जज ने कहा- न‍िजी आदमी के ल‍िए SC

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‘ममता सरकार कोर्ट में क्यों आई है…’ जब भरे अदालत में जज ने की ट‍िप्‍पणी, कहा- न‍िजी आदमी के ल‍िए, सुप्रीम कोर्ट क्‍यों?

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‘ममता सरकार कोर्ट में क्यों आई है…’ जब भरे अदालत में जज ने की ट‍िप्‍पणी, कहा- न‍िजी आदमी के ल‍िए, सुप्रीम कोर्ट क्‍यों?

‘ममता सरकार कोर्ट में क्यों आई है…’ जब भरे अदालत में जज ने की ट‍िप्‍पणी, कहा- न‍िजी आदमी के ल‍िए, सुप्रीम कोर्ट क्‍यों?

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान पश्‍च‍िम बंगाल सरकार ने कोर्ट से कुछ समय की मांग की और अब मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. आपको बता दें क‍ि महिलाओं के खिलाफ अपराध और संदेशखाली में जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने भरे कोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को भरे कोर्ट में कहा क‍ि एक निजी आदमी (शाहजहां शेख) के लिए, जिसके खि‍लाफ सीबीआई जांच कर रही है राज्य सरकार कोर्ट में क्यों आई है? वहीं संदेशखली मामले में बीजेपी सांसदों के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले मे संसद की प्रिविलेज कमेटी द्वारा राज्य के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और संबंधित जिले के डीएम एसपी और थानाध्यक्ष को समन जारी कर पेश होने का आदेश के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई टल गई है.

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में, राज्य सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट के 10 अप्रैल 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है. याचिका में कहा गया है क‍ि हाईकोर्ट ने एक बहुत ही सामान्य आदेश में राज्य को बिना किसी दिशानिर्देश के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है, भले ही वह जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित न हो. यह संदेशखालि क्षेत्र में किसी भी संज्ञेय अपराध की जांच करने के लिए राज्य पुलिस की शक्तियों को हड़पने के समान है.

संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और एजेंसी ने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं. जांच की निगरानी अदालत द्वारा किए जाने का उल्लेख करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्व दस्तावेज और कथित भूमि के भौतिक निरीक्षण का गहन निरीक्षण करने के बाद मछली पालन के लिए कृषि भूमि के जल निकायों में कथित अवैध रूपांतरण पर एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों की जांच करने और सुनवाई की अगली तारीख पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है. हाईकोर्ट की पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए दो मई को सूचीबद्ध किये जाने का निर्देश दिया तथा उस दिन तक सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था.

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Tags: Mamta Banarjee, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

April 29, 2024, 15:28 IST

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