होमन्यूज़इंडियाममता बनर्जी की बढ़ी मुश्किलें! कलकत्ता HC ने गवर्नर के खिलाफ ‘अपमानजनक’ बयान देने पर लगाई रोक
Calcutta HC: बीती 28 जून को गवर्नर सीवी बोस ने कलकत्ता हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. अब इस मामले पर हाई कोर्ट ने सीएम ममता को गलत बयान देने पर रोक लगाई है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Mayank Tiwari | Updated at : 16 Jul 2024 09:03 PM (IST)
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
Calcutta HC: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (16 जुलाई) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कोई भी ‘अपमानजनक या गलत’ बयान देने से रोक दिया. दरअसल, बीते 28 जून को बोस ने कलकत्ता हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. बता दें कि, सीएम ने कहा था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वे राजभवन जाने से डरती हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 2 मई को राज्यपाल के घर में एक संविदा महिला कर्मचारी ने सीवी आनंद बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. इस मामले पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि महिलाओं ने उन्हें बताया कि “वे हाल ही में वहां हुई घटनाओं के कारण राजभवन जाने से डरती हैं.
बयानों में कुछ भी अपमानजनक नहीं- वकील एस.एन. मुखर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (15 जुलाई) को कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के उनके बयान में कुछ भी अपमानजनक नहीं था. ये दलीलें जस्टिस कृष्ण रावकी एकल पीठ के समक्ष बनर्जी के वकील एस.एन. मुखर्जी ने राज्यपाल द्वारा सीएम के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में दी. राज्यपाल ने कथित तौर पर यह कहकर मुख्यमंत्री को बदनाम किया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण महिलाएं उनसे मिलने में “सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं.
ये टिप्पणियां अपमानजनक नहीं थीं- वकील एस.एन. मुखर्जी
इस दौरान मुख्यमंत्री के वकील ने कहा कि ये टिप्पणियां अपमानजनक नहीं थीं, बल्कि वास्तव में जनहित में की गईं. यह भी कहा गया कि राज्यपाल द्वारा दायर मुकदमा स्वीकार्य नहीं होगा. वहीं, राज्यपाल बोस के वकील ने कहा कि वादी इस तरह की राहत की मांग कर रहा है कि मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ दल के दो अन्य विधायकों को उनके खिलाफ कोई भी बयान देने से रोका जाए.
जानें क्या है मामला?
दरअसल, ये विवाद तब शुरू हुआ, जब बनर्जी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की दो महिला विधायकों ने कथित तौर पर उनसे कहा कि राज्यपाल सीवी बोस द्वार पद की शपथ दिलाने के लिए राजभवन जाने पर उन्हें असुरक्षित महसूस होता है.
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Published at : 16 Jul 2024 08:52 PM (IST)
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