नई दिल्ली. भारत के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हम सब के बीच नहीं रहे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स में गुरुवार को निधन हो गया था. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरा देश गम में डूबा है. मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. पीएम रहते मनमोहन सिंह 7 रेस कोर्स वाले बंगले में 10 साल तक रहे. इसके बाद वह 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाले बंगले में रहने चले गए. बीते 10 साल से मनमोहन सिंह पत्नी गुरुशरण कौर के साथ इसी बंगले में रह रहे थे. ऐसे में जब उनका निधन हो गया है तो बड़ा सवाल यह है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी? क्या गुरुशरण कौर को 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग खाली करना पड़ेगा? क्या पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर मिलने वाली मेडिकल फैसिलिटी, हवाई टिकट, फ्री रेल यात्रा, जिंदगी भर फ्री बिजली-पानी बंद हो जाएगा?
मनमोहन सिंह को पीएम पद से हटने के बाद 3 मोतीलाल नेहरू रोड वाला बंगला आवंटित किया गया था. इस बंगले में मनमोहन सिंह बीते 10 साल से रह रहे थे. राज्यसभा में सांसद के रूप में अपना आखिरी कार्यकाल भी सिंह इसी बंगले में पूरा किया. जिस बंगले में सिंह अपने परिवार के साथ रहे थे, वह बंगला कभी दिल्ली की सीएम शील दीक्षित का आधिकारिक आवास हुआ करता था. दिल्ली के सीएम पद से हटने के बाद शीला दीक्षित ने यह बंगला खाली कर दिया. शीला दीक्षित के खाली करने के बाद य़ह बंगला मनमोहन सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर आवंटित हुआ.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था.
अब क्या होगा 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाले बंगले का?
अब जबकि मनमोहन सिंह का निधन हो गया तो भी उनकी पत्नी गुरुशरण कौर भी इस बंगले में पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में रहेंगी. पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को तबतक बंगला आवंटित रहता है, जबतक वह या तो अपनी स्वेच्छा से मना न कर दें या फिर उनका भी निधन न हो जाए. हां, पूर्व प्रधानमंत्री के बच्चों को बंगला नहीं आवंटित होता है. इस लिहाज से मनमोहन सिंह के निधन के बाद भी 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग पर वह पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी की हैसियत से रहती रहेंगी.
पूर्व प्रधानमंत्रियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
गुरुशरण कौर को भी सुरक्षा और कैबिनेट मंत्री के बराबर की सुविधाएं मिलती रहेंगी. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री का पेंशन भी मिलता रहेगा. पूर्व प्रधानमंत्री को 20 हजार रुपये महीना पेंशन के साथ-साथ आजीवन मुफ्त आवास, फ्री मेडिकल फैसिलिटी, हवाई जहाज में रियायत दरों पर यात्रा, फ्री रेल यात्रा, जिंदगी भर फ्री बिजली-पानी और निजी सहायक मिलता रहेगा. साथ ही अन्य तरह के खर्च के लिए भी पैसे मिलते हैं. मनमोहन सिंह और गुरुशरण कौर की तीन बेटियां हैं, जिनके नाम अमृत सिंह, दमन सिंह और उपिंदर सिंह हैं. सभी बेटियां भी शिक्षा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखती हैं. गुरशरण कौर भी इतिहास की प्रोफेसर और एक लेखिका रही हैं.
देश मनमोहन सिंह की कई उपल्बधियों के लिए याद करेगा. खासकर, वित्त मंत्री रहते 1991 में आर्थिक सुधार को लेकर देश वर्षों तक याद रखेगा. पीएम रहते उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005, नरेगा जो अब मनरेगा को लागू किया, साल 2008 में अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील करना, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, राष्ट्रीय फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम), साल 2004 से 2009 तक 8 प्रतिशत से ज्यादा विकास दर हासिल करना, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और भारतीय विदेश नीति को मजबूत करने में उनकी पहल को विशेष याद करेगा.
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FIRST PUBLISHED :
December 27, 2024, 15:00 IST