नई दिल्ली: मटियाला सीट पर इस वार मुकाबला रोमांचक है। यहां से आप और बीजेपी दोनों ने ही अपने पुराने प्रत्याशियों को बदला है। बदलाव से कुछ समर्थकों में नाराजगी है तो कुछ खुश भी हैं। हालांकि वोटरों को यह बदलाव कैसा लगेगा यह नतीजे आने के बाद पता चलेगा।
विधानसभा में कौन-कौन से इलाके?
द्वारका, मटियाला, उत्तम नगर, नजफगढ़ को मिलाकर मटियाला विधानसभा क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट का हिस्सा है। इसमें द्वारका सव सिटी का बड़ा एरिया शामिल है तो मटियाला जैसी घनी आबादी वाली कॉलोनियां भी हैं। साथ ही यहां गांव से लेकर अनधिकृत कॉलोनियां भी हैं। साथ ही द्वारका सेक्टर- 12, 14, 13, 19, द्वारका मोड़, नवादा, मटियाला गांव, मनसा राम पार्क, सहयोग विहार, द्वारका सेक्टर-3, द्वारका सेक्टर-3 का जेजे क्लस्टर, काकरोला गांव, भरत विहार, राणाजी एनक्लेव आदि शामिल है।
क्या है यहां का चुनावी मुद्दा?
मटियाला विधानसभा सीट में ट्रैफिक और सड़कों की खराब हालत की मांग जारी है। द्वारका सब सिटी में मल्टी एजेंसी होने की वजह से लोगों की शिकायतों का समाधान जल्दी नहीं होता। साथ ही मटियाला व आसपास की कई कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं की मांग है। गर्मी में यहां कई अपार्टमेंट में पानी की किल्लत रहती तो कुछ सोसायटियों में बारिश में अंदर पानी भर जाता है कि लोगों को फ्लैट दो तीन दिन के लिए खाली करने पड़ते हैं।
जीत-हार में किसकी भूमिका?
यहां पर मिश्रित आबादी है। द्वारका सब सिटी में सीनियर सिटिजंस की संख्या काफी अधिक है। हालांकि यहां वोटिंग प्रतिशत कम रहता है। वहीं घनी आबादी व ग्रामीण एरिया के लोग अपने लिए सुविधाओं की मांग करते हैं। उनका कहना है कि द्वारका उनकी जमीन पर बना और अब वह इतना आगे निकल गया, लेकिन उनके जीवनस्तर पर कोई असर नहीं आया । उन्हें भी विकास चाहिए। इस क्षेत्र में पूर्वांचल, महाराष्ट्र के अलावा पारंपरिक वोटर भी जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं।
राजनीतिक मिजाज
2008 में इस सीट को गठित किया गया था। तब यहां से कांग्रेस के सुमेश शौकीन जीते थे। 2013 में बीजेपी के राजेश गहलौत विधायक बने। 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के गुलाब सिंह विधायक बने। 2020 में भी वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे । उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राजेश गहलोत को हराया था। अब यहां ये तीनों पार्टियों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। आप ने कांग्रेस छोड़कर आए सोमेश शौकीन को टिकट दिया है। बीजेपी ने भी राजेश गहलोत की जगह संदीप सहरावत पर भरोसा जताया है। कांग्रेस के प्रत्याशी रघुविंदर शौकीन है।