जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल शिक्षा मंत्री के स्तर पर समस्या का समाधान न होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से गुहार लगाना राजधानी के छह शिक्षकों को भारी पड़ गया। विभाग ने उनके इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानते हुए निलंबित कर दिया। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग
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मामला कुछ यूं है कि सीएम राइज महात्मा गांधी स्कूल भोपाल के सहायक शिक्षकों ने पद स्थापना एवं अन्य मामलों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री और जिला शिक्षा अधिकारी को अपनी समस्या सुनाई थी। जब इस स्तर पर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। यह बात जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी त्रिपाठी को नागवार गुजरी और उन्होंने सभी छह शिक्षकों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबन की सजा सुना दी।
तिवारी का कहना है कि जब विभाग का मुखिया नहीं सुनेगा, तो फिर कर्मचारी सरकार के मुखिया के पास नहीं जाएगा, तो क्या करेगा? वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री को अपनी व्यवस्था बताने को सुप्रीम कोर्ट ने भी गलत नहीं माना है, तो जिला शिक्षा अधिकारी ने फैसला कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को निलंबन वापस लिया जाना चाहिए और उनकी समस्या को सुनकर उसका समाधान भी करना चाहिए।