कन्वर्जेंस फाउंडेशन ने इंडिया इम्पैक्ट शेरपा के सहयोग से अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. इसका उद्देश्य उन संगठनों की पहचान करना है, जिन्होंने सिस्टम चेंज को अपनाकर काफी अहम बदलाव हासिल किए हैं. इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘सिस्टमैटिक इंपैक्ट एग्जेम्पलर्स: यूनीक एप्रोचेज़ टुवर्ड सॉल्विंग इंडियाज़ डेवलपमेंट चैलेंज’ है.
सिस्टम सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (SSO) केंद्र और राज्य स्तर पर सरकार के साथ मिलकर काम करते हैं. इसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुंचाने के साथ ही सिस्टम चेंज को लेकर आ रही समस्या के समाधान का प्रयास करना है. भारत में केंद्र और राज्य सरकारें पहले से ही सामाजिक और आर्थिक विकास पर बड़ी मात्रा में फंड खर्च कर रही हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में केंद्र और राज्य सरकारों का कुल सामाजिक व्यय 21.03 लाख करोड़ रुपए था. हालांकि भारत सरकार की ओर से भारी निवेश के बावजूद विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में प्रयासों में तेजी लाने की बड़ी संभावना है.
बड़ी जनसंख्या को तकनीक संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए जरूरी है कि ज्यादा संख्या में सिस्टम सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन सरकारों के साथ काम करें, इस रिपोर्ट के साथ द कन्वर्जेंस फाउंडेशन और इंडिया इम्पैक्ट शेरपा का लक्ष्य काम करने योग्य एक ऐसी रूपरेखा पेश करना है, जिससे पता चले कि बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सिस्टम सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन कैसे सरकारों के साथ काम कर सकते हैं.
रिपोर्ट में भारत के 20 प्रमुख सिस्टम सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन का विवरण दिया गया है. इस रिपोर्ट में रियल वर्ल्ड के उदाहरणों को पेश किया गया है. ये रिपोर्ट दूसरी गैर-लाभकारी संस्थाओं को भी प्रेरित करने और इस प्रोग्राम से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करती है. यह रिपोर्ट बताती है कि भारतीय संदर्भ में क्या चीजें काम कर सकती हैं.
रिपोर्ट लॉन्च कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने रिपोर्ट में शामिल 20 संगठनों के काम और योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि गैर-लाभकारी संगठनों ने सरकारों के साथ काम करके सिस्टम परिवर्तन दृष्टिकोण अपनाया है. ये बड़े पैमाने पर परिवर्तन में योगदान दे सकते हैं.
‘सिस्टम चेंज एप्रोच एक खास आइडिया’
द कन्वर्जेंस फाउंडेशन के संस्थापक और CEO आशीष धवन ने देश की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए सिस्टम चेंज के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सिस्टम चेंज एप्रोच एक बेहद खास आइडिया है, जिसमें बदलाव लाने की बड़ी क्षमता है. उन्होंने कहा कि हमने उन अग्रणी इंडियन ऑर्गेनाइजेशन की पहचान करने के लिए इस रिपोर्ट को तैयार किया है, जिन्होंने दूसरे सोशल पर्पज ऑर्गेनाइजेशन को प्रेरित करने और उन्हें इससे जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सिस्टम चेंज को अपनाया है, ताकि इस बात को तय किया जा सके कि भारतीय संदर्भ में क्या चीज़ काम कर सकती है.
कठिन चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इंडिया कंट्री ऑफिस के डायरेक्टर हरि मेनन ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित और साझेदारों द्वारा समर्थित सिस्टम परिवर्तन दीर्घकालिक परिवर्तन लाने, डवलपमेंट प्रोग्राम्स की दक्षता बढ़ाने और लोगों के जीवन पर स्थायी प्रभाव पैदा करने की क्षमता रखता है. हालांकि ऐसे परिवर्तन को हासिल करने में समय लगता है.
रिपोर्ट में सिस्टम चेंज प्रथाओं की व्यापक पैमाने पर जांच के बाद ये नतीजे सामने आए
– परिवर्तन के लिए मांग और एलाइनमेंट को तैयार करना
– डेटा, एविडेंस और रिसर्च में बदलाव की थ्योरी को आधार बनाना
– पॉलिसी के डिजाइन और कार्यान्वयन की जानकारी देना
– बड़े पैमाने पर उपयोग के योग्य समाधानों को डिज़ाइन करना और प्रदर्शित करना
– सरकार में संस्थागत क्षमता को मजबूत करना
– बड़ी संख्या में उपयोग के लिए भागीदार नेटवर्क का निर्माण
– वंचितों के लिए उपयोगी बाज़ार तैयार करना
क्या है रिपोर्ट का उद्देश्य?
रिपोर्ट वास्तव में एक व्यापक नॉलेज रिसोर्स के रूप में कार्य करती है, जिसका उद्देश्य सिस्टम चेंज की एप्रोच को आकार देना है. साथ ही यह इस बात की रूपरेखा भी तैयार करती है कि सोशल पर्पज ऑर्गेनाइजेशन इसे कैसे अपना सकते हैं. सिस्टम सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन कैसे एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं, इसके लिए यह एक खास मॉडल पेश करती है.
क्या है कन्वर्जेंस फाउंडेशन, कैसे करता है काम?
कन्वर्जेंस फाउंडेशन Convergence Foundation (TCF) की स्थापना 2021 में आशीष और मनीषा धवन ने की थी. TCF का मानना है कि समाज और राष्ट्र के विकास के लिए आर्थिक तरक्की भी जरूरी है. इस लिहाज से TCF कुछ जरूरी प्रोग्राम पर फोकस करता है, जिनमें बेहतर निवेश के लिए माहौल बनाना, वस्तु और सेवाओं के निर्यात में तेजी लाना, साइंस और टेक्नोलॉजी में तेजी लाना और महिलाओं के आर्थिक शक्ति में सुधार करना शामिल है. TCF के अनुसार भारत की वृद्धि और विकास की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से बताने के लिए सिस्टम परिवर्तन जरूरी है. लिहाजा एक ऐसे संगठनों को बढ़ावा दिया जाता है, जिनका लक्ष्य सिस्टम परिवर्तन के जरिए बड़ा प्रभाव पैदा करना है.