कोलंबो: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने श्रीलंका में 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और अन्य श्रीलंकाई नेताओं के साथ व्यापक राजनीतिक विचार-विमर्श किया। यहां ‘कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव’ (सीएससी) में शामिल होने आए डोभाल ने विक्रमसिंघे, प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने, मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदास और मार्क्सवादी जेवीपी के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की। गुणवर्धने को छोड़कर सभी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग (पीएमडी) ने कहा कि डोभाल ने आज सुबह राष्ट्रपति सचिवालय में विक्रमसिंघे से मुलाकात की। उन्होंने श्रीलंका और भारत के बीच जारी आर्थिक सहयोग पर चर्चा की। पीएमडी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार सागला रत्नायके भी बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री कार्यालय में बृहस्पतिवार रात प्रधानमंत्री गुणवर्धने के साथ अपनी बैठक के दौरान डोभाल ने कहा कि भारत और श्रीलंका के लिए आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं।
भारत को बिजली बेचने का दिया सुझाव
समाचार पोर्टल अडाडेराना की रिपोर्ट में कहा गया, ‘डोभाल ने श्रीलंका के साथ सहयोग को और आगे बढ़ाने की भारत की इच्छा व्यक्त की तथा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रधानमंत्री के विचार मांगे।’ प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र को सहयोग के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना और बड़े पैमाने एवं छोटे पैमाने की वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। डोभाल ने यह भी सुझाव दिया कि श्रीलंका अपनी घरेलू आवश्यकताओं से अधिक बिजली पैदा कर सकता है और अतिरिक्त बिजली भारत को बेचकर पर्याप्त वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकता है, जैसा कि भूटान ने किया।
क्यों श्रीलंका पहुंचे डोभाल
भारतीय मूल के तमिलों के एक राजनीतिक दल के नेता मनो गणेशन ने कहा, ‘हमने एक महत्वपूर्ण चर्चा की और भारत तथा श्रीलंका दोनों की सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका में किसी भी निर्वाचित सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।’ समाचार पोर्टल ने कहा कि डोभाल ने दिन की शुरुआत में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार दिसानायके एवं बृहस्पतिवार रात को एसजेबी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तथा मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदास से भी मुलाकात की। दिसानायके ने एक संदेश में कहा, ‘मैंने कोलंबो में डोभाल से मुलाकात की। हमने दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों और राष्ट्रपति चुनाव से पहले मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।’ डोभाल की यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य ‘कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव’ (सीएससी) के संस्थापक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना था।