‘भगवान ने मेरे दिमाग में बड़ा चिप लगाया, इसलिए छोटा नहीं सोच सकता’, लातूर में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह कभी छोटा नहीं सोच सकते. महाराष्ट्र के लातूर में एक सार्वजनिक बैठक में उन्होंने कहा, ‘मोदी कभी छोटा नहीं सोच सकते, जब भगवान ने मुझे बनाया, तो उन्होंने ‘छोटी’ बात नहीं, बल्कि बड़ी बात ही सोची.’
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PM मोदी (फाइल फोटो)
aajtak.in
- लातूर,
- 30 अप्रैल 2024,
- (अपडेटेड 30 अप्रैल 2024, 7:35 PM IST)
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग में अभी कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में सभी दलों रैलियों का दौर जारी है. आज यानी मंगलवार को पीएम मोदी भी महाराष्ट्र के लातूर में रैली करने पहुंचे. इस दौरान पीएम ने अपने भाषण में कहा कि मोदी छोटा नहीं सोच सकता.
देश के लिए अपने ‘महत्वाकांक्षी’ विजन के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह कभी छोटा नहीं सोच सकते. महाराष्ट्र के लातूर में एक सार्वजनिक बैठक में उन्होंने कहा, ‘मोदी कभी छोटा नहीं सोच सकते, जब भगवान ने मुझे बनाया, तो उन्होंने ‘छोटी’ बात नहीं, बल्कि बड़ी बात ही सोची.’
पीएम ने आगे कहा, ‘ओलंपिक, पैरालिंपिक, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्वविद्यालय खेलों में, भारतीय खिलाड़ी दशकों पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. भारतीय नागरिकों के बीच यह आत्मविश्वास हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा. भारत में 2029 युवा ओलंपिक की मेजबानी करना मेरा सपना है.’ उन्होंने कहा, ‘यह मेरा सपना है कि 2036 का ओलंपिक भारत में हो.’
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‘पहले लावारिस चीजों की चेतावनी दी जाती थी’
देश में सुरक्षा स्थिति पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले नियमित रूप से अनाउंसमेंट कर लावारिस वस्तुओं की चेतावनी दी जाती थी, जबकि आज भारत अपनी सीमा की सुरक्षा मजबूती से करने में सक्षम है. उन्होंने 26/11 के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया और कहा कि पहले सरकार केवल पाकिस्तान को डोजियर भेजने में सक्षम थी, जबकि आज वह अपने दुश्मनों को उनके देश में ही मार सकती है.
पीएम मोदी बोले, ‘2014 से पहले, रेलवे स्टेशनों, किराए और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लावारिस वस्तुओं की चेतावनी की घोषणा की जाती थी. पूरे देश में, 24 घंटे, महत्वपूर्ण स्थानों पर ऐसी चेतावनियां जारी की जाती थीं. आखिर ये लावारिस वस्तुएं कहां गायब हो गईं क्या मोदी प्रधानमंत्री बन गए? उस समय अखबारों में हर दूसरे दिन बम धमाकों की खबरें छपती थीं और पुलिस उन्नत खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं थी, आज भारत हमारी सीमाओं पर बुरे इरादों से देखने वालों को कड़ा जवाब देने के लिए जाना जाता है.’