महोबा में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। जहां एक नशे के आदी पति ने दो बेटियों के जन्म के बाद अपनी पत्नी को घर से निकालने के साथ-साथ अपनी सास पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। घटना के बा
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पहली बेटी को जन्म देने पर बदला दीपक का व्यवहार
दरअसल मामला महोबा जिले के छिकहरा गांव का है। जहां रहने वाले रामनाथ की पुत्री किशना का विवाह 5 साल पहले निवाड़ी जिले के टेरका ग्राम निवासी दीपक रैकवार से हुआ था। शादी के बाद सब कुछ सामान्य था। लेकिन जब किशना ने पहली बेटी को जन्म दिया तो दीपक का व्यवहार बदल गया। वह बेटा न होने के कारण आए दिन पत्नी के साथ मारपीट करने लगा। मामला गंभीर होता देख किशना के माता-पिता उसे अपने घर ले आए। कुछ समय बाद दीपक के माता-पिता ने यह वादा किया कि अब किशना के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं होगा।
धारदार हथियार से किया वार विश्वास करके किशना को फिर से ससुराल भेज दिया गया। लेकिन दूसरी बार जब कुंअर ने एक और बेटी को जन्म दिया तो दीपक ने अपनी बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। वह उसे ताने देने के साथ मारपीट करता और आखिरकार उसे घर से बाहर निकाल दिया। किशना का भाई दोनों बेटियों के साथ उसे मायके ले आया। रामनाथ ने बताया कि जब यह बात दामाद दीपक को पता चली तो वह अपने एक साथी के साथ मोटर साइकिल से अपनी ससुराल छिकहरा जा पहुंचा। दरवाजे में खड़े होकर सभी को गाली गलौच करने लगा। कुछ देर बाद जब मामला शांत हुआ तो सास घर से बाहर निकली, तो पहले से घात लगाए बैठे दीपक ने धारदार हथियार से वार कर उसे घायल कर मौके से फरार हो गया। हमले से घायल लाड़कुंवर जमीन पर गिर पड़ी। उसकी चीखपुकार सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे। जिसके बाद उसे तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार महिला की हालत स्थिर है। लेकिन गंभीर चोटें आई हैं।
दामाद आए दिन बेटी से करता है मारपीट घायल महिला लाड़कुंवर ने बताया कि उसका दामाद आए दिन उसकी बेटी के साथ मारपीट करता है। दो बेटियां होने पर वह पूरी तरह से बदल गया और आज उसने मुझे ही मारने का प्रयास किया। परिजनों ने पुलिस से आरोपी दामाद दीपक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी के कार्यवाही की बात कही है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। बल्कि समाज में बेटियों के प्रति मानसिकता को भी उजागर करती है। बेटियों के जन्म पर मां को दोषी ठहराते हुए उन पर हिंसा करना कितना जायजा है। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।