Saturday, November 30, 2024
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Home बाढ़ के पानी में डूबने से बच्चे की मौत:घर के बाहर खेलते समय हुआ हादसा, ग्रामीणों ने बाढ़ खंड पर लापरवाही का लगाया आरोप

बाढ़ के पानी में डूबने से बच्चे की मौत:घर के बाहर खेलते समय हुआ हादसा, ग्रामीणों ने बाढ़ खंड पर लापरवाही का लगाया आरोप

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बलरामपुर में सोमवार दोपहर बाढ़ के पानी में डूबने से 4 वर्षीय सत्यम की मौत हो गई। 3 दिन पहले हेंगहा नाला बांध परसहवा गांव के पास टूट गया था। जिसके कारण परसहवा और कामदी में बाढ़ भर गया। जिसके कारण परसहवा में 4 वर्षीय बच्चे की डूब कर मौत हो गई।

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मामला बलरामपुर के विकासखंड हरैया के ग्राम परसहवा का है। जहां पर सत्यम की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई है। मृतक सत्यम के पिता बच्छराज पासवान ने बताया कि हमारा लड़का सत्यम यही घर के पास खेल रहा था। मैं घर पर नहीं था, मेरी पत्नी लड़के के पास में ही थी। खेलते-खेलते गहरे पानी में चला गया। जिसके कारण लड़का डूब गया। पानी पूरे गांव में भरा हुआ था।

बाढ़ खंड की लापरवाही से बेटे की गई जान

पिता का कहना है की 24 घंटे से ज्यादा हो गया है। लेकिन ना कोई अधिकारी आया है और न कोई विधायक सांसद आए है। यह लेखपाल तक नहीं पहुंचे है। किसी ने भी हम सब का हल नहीं लिया है। पिता का कहना है कि बाढ़ खंड की लापरवाही से हमारे बेटे की जान गई है। क्योंकि बाढ़ से पहले बांध का मरम्मत नहीं किया गया था। जिसके कारण बांध टूट गया। जिससे गांव में पानी भर गया।जिसमें मेरा बेटा डूब गया है।

मां मामला बताते हुए रोने लगी और बोल नही पाई। मां का हल काफी नाजुक बना हुआ है। घर में सत्यम छोटा बेटा था। जो अब परिवार के बीच नही है। आए बाढ़ ने हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीन ली है। खुशियों को गम में बदल दिया है। परिवार में दो बेटे थे। जिसमें सत्यम सबसे छोटा बेटा था। शिव सबसे बड़ा बेटा है। जिसकी उम्र 13 वर्ष है। वहीं शिवम छोटे भाई के लिए रो रहा है। परिवार में मातम पसरा है। पूरा परिवार का रो-रोकर बेहाल है।

बाढ़ के कारण गांव में बना विद्यालय बंद

वहीं मामले पर परसहवा निवासी पृथ्वीराज, सतगुर, विश्वनाथ, मनके, रामतीरथ, माखन लाल का कहना है की हादसे का मेन कारण बाढ़ खंड की लापरवाही है। क्योंकि जब बाढ़ आता है, तभी जिम्मेदार नजर आते है। 10 से 20 बोरा मिट्टी रखकर खाना पूर्ति करते है। जिससे इसमें भी पैसा कमा लेते है। बाढ़ से पहले कभी नहीं अधिकारी ध्यान देते है। जिसके कारण गांव में बरसात में हमेशा बाढ़ की स्थिति बनी रहती है। हादसे का डर हमेशा बना रहता है। बांध इतना जर्जर है की थोड़ा सा ज्यादा पानी आ जाए तो बांध टूट जाता है। इसकी शिकायत कई बार की गई है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। सिर्फ आश्वासन मिलता है और खाना पूर्ति होती है। यह हंगाहा नाला पहाड़ी नाला है। जिसमें चार नालों का पानी और मिलता है। लेकिन इसका कोई ठोस प्रबंध नहीं हो रहा है।

इस नाले में गोरिया, डुडवा, चकैया, रातोहिया नाला शामिल है। इस गांव में सिर्फ चुनाव के टाइम प्रतिनिधि आते है। फिर नजर नहीं आते है। हम लोगों को काफी दिक्कत होती है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। 2 दिन पहले आए बाढ़ के कारण गांव में बना विद्यालय बंद है। पानी भरा हुआ है। लेकिन किसी ने गांव वालों की सुध किसी ने नहीं ली है।

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