बाड़मेर और बासंवाड़ा के युवा वोटर्स ने मचाया धमाल, टूटकर पड़े पोलिंग बूथों पर, किसके प्रति है ये दीवानगी?
जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं. 19 अप्रेल और 26 अप्रेल को दो चरणों में प्रदेश की सभी 25 सीटों के लिए वोट डाले जा चुके हैं. इस बार प्रदेशभर स्तर पर भले ही मतदान में बुजुर्गों ने युवाओं को पछाड़ दिया है. लेकिन रेगिस्तानी क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर और आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में युवाओं ने जमकर वोटिंग की है. इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में युवाओं की वोटिंग चौंकाने वाली है. इन दोनों ही सीटों पर दो युवा नेता रविन्द्र सिंह भाटी और राजकुमार रोत चुनाव लड़ रहे हैं. युवाओं के इस वोटिंग प्रतिशत ये नेता बेजा उत्साहित हैं.
दरअसल राजस्थान में दो चरणों में हुए इन चुनावों में पूरे सूबे में महज 60 प्रतिशत नवमतदाताओं (18 से 19 साल) ने मतदान किया है. मतदान के मामले में 85 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग मतदाता युवाओं से काफी आगे रहे हैं. उनका मतदान प्रतिशत 67.07 है. लेकिन इसमें गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश के करीब आधा दर्जन सीटों पर युवाओं ने जोरदार वोटिंग हैं. इनमें सबसे अव्वल बाड़मेर और बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र है.
चार सीटों पर युवाओं ने की जोरदार वोटिंग
बांसवाड़ा में युवा मतदाताओं के मतदान का प्रतिशत 77.93 रहा है. वहीं बाड़मेर में यह 75 फीसदी के करीब रहा. बाड़मेर में इस आयु वर्ग के 74.59 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले हैं. कोटा में भी युवा मतदाता काफी उत्साहित रहा. वहां 73.39 फीसदी नव मतदाताओं ने वोट डाले हैं. इनके अलावा जोधपुर में 72.25 प्रतिशत नव मतदाता पोलिंग बूथों तक पहुंचे और उन्होंने वोट डाले. शेष लोकसभा क्षेत्रों में इस आयु वर्ग के मतदाताओं के मतदान का प्रतिशत 70 फीसदी से नीचे रहा है.
रविन्द्र और राजकुमार की सभाओं में उमड़े थे युवा
बांसवाड़ा और बाड़मेर में युवा मतदाताओं की रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग को वहां से चुनाव लड़ रहे युवा प्रत्याशियों से जोड़कर देखा रहा है. बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रविन्द्र सिंह भाटी चुनाव मैदान में है तो बांसवाड़ा से राजकुमार रोत चुनाव लड़ रहे हैं. इन दोनों प्रत्याशियों में काफी समानता भी है. रविन्द्र भाटी महज 26 साल के हैं. वहीं राजकुमार 31 साल के हैं. दोनों का युवाओं में खासा क्रेज है. दोनों की सभाओं में बड़ी संख्या में युवाओं के रैले के रैले उमड़े थे.
रविन्द्र और राजकुमार में है कई समानताएं
राजकुमार भी पहली बार महज 25-26 साल की उम्र में विधायक बने थे. वहीं रविन्द्र भी 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने हैं. वे बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं. वे पूर्व में जोधपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव बतौर निर्दलीय जीत चुके हैं. जबकि राजकुमार रोत डूंगरपुर जिले की सबसे बड़ी भोगीलाल पंड्या कॉलेज के एनएसयूआई से छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. राजकुमार रोत लगातार दूसरी बार डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा सीट से विधायक हैं.
किसको गया युवाओं का वोट?
राजकुमार की अपनी खुद की पार्टी है. इस पार्टी का नाम है ‘भारत आदिवासी पार्टी’. वे अपनी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन है. कांग्रेस ने रोत को समर्थन दे रखा है. जबकि रविन्द्र बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में है. हालांकि यह कहना बेहद मुश्किल है कि युवाओं का यह वोट किसको गया है लेकिन इसे युवा प्रत्याशियों से जोड़कर देखा रहा है. इससे बाड़मेर में जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ी हुई है. वहीं बांसवाड़ा में बीजेपी यूथ की इस वोटिंग से हैरान है. कांग्रेस ने इसे अपने पक्ष में मान रही है.
(इनपुट- अरबाज अहमद एंव जयेश पंवार)
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FIRST PUBLISHED :
April 30, 2024, 12:16 IST