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Navi Mumbai News: नवी मुंबई के ऑर्किड इंटरनेशनल स्कूल में 1,000 रुपये की बकाया फीस के कारण 5 साल के बच्चे को चार घंटे तक रोके रखा गया. पिता की शिकायत पर प्रिंसिपल और कॉर्डिनेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. पिता का…और पढ़ें
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स्कूल के खिलाफ एक्शन हुआ है. (AI Photo)
हाइलाइट्स
- 1000 रुपये की बकाया फीस पर बच्चे को 4 घंटे रोके रखा गया.
- पिता की शिकायत पर प्रिंसिपल और कॉर्डिनेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज.
- स्कूल मैनेजमेंट ने सीसीटीवी फुटेज देने में टालमटोल किया.
Navi Mumbai News: हर माता-पिता की यह ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा शहर के अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़े और अच्छी शिक्षा प्राप्त करे. नवी मुंबई के एक लोअर-मिडिल क्लास परिवार के ख्वाब भी ऐसे ही थे. उन्होंने अपने बच्चे का एडमिशन एक बड़े स्कूल में कराया. सब-कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. फिर एक महीने घर का बजट बिगड़ने के बाद पिता कुल स्कूल फीस में से महज एक हजार रुपये नहीं दे पाए. बाकी रकम उन्होंने जमा करा दी थी. स्कूल को यह बात नागवार गुजरी. उन्होंने बच्चे को स्कूल में ही अलग-थलग कर डिटेन कर लिया.
पिता की शिकायत के आधार पर नवी मुंबई के सीवुड्स सेक्टर 42 में स्थित ऑर्किड इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल और एक महिला कॉर्डिनेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. प्रिसिपल और ऑर्डिनेटर के खिलाफ जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत एनआरआई कोस्टल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. पिता ने कहा कि स्कूल ने बेटे के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया. स्कूल की जोनल हेड श्रेया शाह ने पिता को प्रिंसिपल को बर्खास्त करने का वादा किया था, लेकिन बाद में वो ऐसा करने से मुकर गईं.
4 घंटे तक बच्चे को रोका गया
पिता का आरोप है कि स्कूल ने 1,000 रुपये की बकाया फीस के लिए उनके केजी में पढ़ने वाले बेटे को डेकेयर सेंटर में चार घंटे तक रोके रखा. 5 साल के बच्चे के पिता ने कहा, “28 जनवरी को जब मैं दोपहर 12.30 बजे अपने बेटे को स्कूल से लेने गया तो वह अन्य छात्रों के साथ कतार में नहीं था. मैंने उसके क्लास टीचर से पूछा. टीचर ने मुझे मैनेजमेंट से बात करने के लिए कहा. मैं प्रिंसिपल वैशाली सोलानी से मिला और उन्होंने मुझे बताया कि मेरे बेटे की फीस बकाया है. स्कूल पॉलिसी के तहत उसे और एक अन्य स्टूडेंट को बकाया राशि के लिए स्कूल परिसर में स्थित डेकेयर सेंटर में अलग रखा गया था.”
फीस देने के बाद सौंपा गया बच्चा
पिता का दावा है कि उन्होंने 42,000 रुपये की फीस की फीस का भुगतान पहले ही कर दिया था. महज एक हजार रुपये छूट गए थे. मैंने 1,000 रुपये का भुगतान किया और फिर दोपहर 1 बजे मेरे बेटे को मुझे सौंप दिया गया. सच जानने के लिए पिता ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मांगी, लेकिन मैनेजमेंट ने उन्हें ईमेल के जरिए एक एप्लिकेशन देने को कहा. आरोप है कि लिखित आवेदन के बाद स्कूल मैनेजमेंट टालमटोल करने लगा, जिसके बाद पुलिस से संपर्क किया गया.
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
February 01, 2025, 10:12 IST