हाइलाइट्स
प्रेशर कुकर को लेकर कई लोगों का तर्क है कि इसमें खाना पकाने से लोगों में न्यूट्रीशन की कमी हो रही है. आईसीएमआर-एनआईएन ने हाल ही में डायटरी गाइडलाइंस 2024 जारी की हैं, जिसमें प्रेशर कुकिंग को लेकर भी बताया है.
सोशल मीडिया पर चल रहे कई वीडियोज में आपने कुछ लोगों को दावा करते देखा होगा या अक्सर खुद को किसी पैथी का चिकित्सक बताने वाले व्यक्ति को कहते सुना होगा कि रसोई में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल नुकसान कर रहा है. प्रेशर कुकर में दाल, चावल या सब्जी बनाने से इनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. कई बार ऐसे तर्क भी दिए गए होंगे कि प्रेशर कुकर में खाना जल्दी तो बन जाता है लेकिन दाल और चावल में मौजूद जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन, विटामिंस आदि टूटकर नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि ये बातें सही हैं या गलत? क्या सच में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल सेहत के लिए नुकसानदेह है? चूल्हे पर बिना बर्तन को बिना ढके खाना बनाने की पुरानी पद्धति ही सबसे बेस्ट है? आइए जानते हैं इसका जवाब..
आपको बता दें कि आमतौर पर घरों में रोजाना कुकर में ही दाल, चावल, दलिया आदि बनता है. इसमें स्टीम की वजह से खाना जल्दी पक जाता है. खासतौर पर दालों में प्रोटीन, विटामिन्स, हेमुसेलिलोज, स्टार्च, कार्बोहाइडेट, रफेज, वसा, मिनरल्स और पेंटोसन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं. वहीं चावल में स्टार्च ज्यादा मात्रा में पाया जाता है.ऐसे में इन्हें खाने से पहले पकाना जरूरी होता है.
वैज्ञानिक रूप से जब दाल, चावल, दलिया आदि का पकाया जाता है तो इनमें मौजूद पोषक तत्व बाहर आ जाते हैं और इंसानों के लिए इन्हें पचाना आसान हो जाता है. साथ ही ये पोषण तत्व सीधे शरीर में पहुंचकर जरूरी न्यूट्रीशन वैल्यू प्रदान करते हैं. हालांकि अब इन्हें प्रेशर कुकर में बनाएं, कड़ाही या भगोने में या फिर मिट्टी की हांडी में, ये जानना बेहद जरूरी है.
प्रेशर कुकर फायदेमंद या नुकसानदेह?
हाल ही में ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन की ओर से जारी की गई डायटरी गाइडलाइंस 2024 के अनुसार दाल, चावल और अनाजों में कुछ एंटी न्यूट्रीशनल फैक्टर्स वाले एंजाइम्स होते हैं जो प्रेशर कुकर में पकाने या उबालने के बाद टूट जाते हैं. साथ ही फाइटिक एसिड जैसे तत्व भी घट जाते हैं, इससे भोजन को पचाने और जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स को एब्जॉर्ब करने की क्षमता बढ़ जाती है. इसलिए प्रेशर कुकिंग फायदेमंद है.
हालांकि कुकर दाल, दलिया या चावल बनाने के लिए दो चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. पहला ये कि कुकर में सीमित पानी डालें और दूसरा ये कि दालों को ज्यादा सीटियां लगाकर ओवर कुक्ड न करें. ऐसा करने से प्रोटीन की क्वालिटी घट सकती है. लाइसिन जैसा पोषक तत्व खत्म हो सकता है.
वहीं अगर आप प्रेशर कुकर में चावल बनाने के बाद उसे बाहर निकाल देते हैं तो उससे बी कॉम्पलेक्स विटामिंस और विटामिन सी आदि भी खत्म हो जाते हैं. मिनरल्स भी नष्ट हो सकते हैं. ऐसे में मॉडर्न साइंस के हिसाब से प्रेशर कुकर में खाना पकाना फायदेमंद है.
प्रेशर कुकिंग को लेकर क्या कहते हैं नेचुरोपैथ
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपैथी, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. राघवेंद्र राव एम न्यूज18 हिंदी से बातचीत में कहते हैं कि प्रेशर कुकिंग को लेकर नेचुरोपैथी या आयुर्वेद में ऐसा कोई शोध या रिसर्च नहीं है कि यह खराब है. अगर कोई खुद को किसी पैथी का एक्सपर्ट बताकर ऐसा दावा करता है तो यह गलत है. प्रेशर कुकिंग एक प्रोसेस है, जिसमें भाप के माध्यम से भोजन पकता है. दाल, चावल या अनाज अगर आप प्रेशर कुकर में पकाते हैं तो उसमें मौजूद कुछ कठोर एंजाइम्स, स्टार्च आदि टूटते हैं, जिनका टूटना डायजेशन और पोषण तत्वों के बाहर आने के लिए जरूरी होता है. प्रेशर कुकिंग से दाल या अनाजों में मौजूद न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन, विटामिंस आदि बाहर आ जाते हैं और ऐसे भोजन को करने से संपूर्ण न्यूट्रीशन मिल जाता है.
जहां तक प्रेशर कुकर के इस्तेमाल की बात है तो किसी भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं है. इसमें दाल, चावल आदि पकाना फायदेमंद है और पूरी न्यूट्रीशन वैल्यू आपको मिलती है.
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FIRST PUBLISHED :
May 16, 2024, 07:59 IST