Thursday, January 16, 2025
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Home ‘पागल’ कहने पर की थी बहन की हथौड़े से हत्या:कई दिनों से कानपुर में चल रहा मनोरोग का इलाज, वारदात का कोई पछतावा नहीं

‘पागल’ कहने पर की थी बहन की हथौड़े से हत्या:कई दिनों से कानपुर में चल रहा मनोरोग का इलाज, वारदात का कोई पछतावा नहीं

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उन्नाव के चंपापुरवा में बुधवार रात को मानसिक रूप से बीमार 22 वर्षीय युवक शिवम उर्फ गोलू ने अपनी चचेरी बहन अंजू की ताबड़तोड़ हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। दरअसल अंजू ने शिवम को मजाक में पागल कह दिया था, जिसके बाद आरोपी ने अपना आपा खो दिया और इस वारदात

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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मचारी शिवशंकर का बेटा शिवम है, जो पिछले कई वर्षों से मानसिक बीमारी से ग्रसित है। वर्ष 2015 से ही उसका इलाज कानपुर के एक मनोरोग विशेषज्ञ से चल रहा है। घरवालों के अनुसार, शिवम अक्सर अजीब हरकतें करता था। बुधवार को यह घटना तब हुई, जब वह और उसकी चचेरी बहन अंजू घर की ऊपरी मंजिल पर बरामदे में बैठे हुए थे।

उन्नाव के चंपापुरवा में बुधवार रात हुई थी वारदात।

उन्नाव के चंपापुरवा में बुधवार रात हुई थी वारदात।

बताया जाता है कि अंजू ने बातचीत के दौरान शिवम को चिढ़ाते हुए “पागल” कह दिया। यह सुनते ही शिवम अपना आपा खो बैठा और पास में रखा लगभग 4 किलो वजनी हथौड़ा उठा लाया। उसने बिना किसी हिचकिचाहट के अंजू के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए।

पुलिस ने परिजनों से की थी सघन पूछताछ।

पुलिस ने परिजनों से की थी सघन पूछताछ।

इन वारों से अंजू का सिर बुरी तरह कुचल गया और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हत्या के बाद भी शिवम घर में सामान्य रूप से टहलता रहा। उसे अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं था। शिवम के पिता शिवशंकर फैक्ट्री से लौटे तो अंजू का खून से लथपथ शव देखकर स्तब्ध रह गए। उन्होंने रोते हुए शिवम से पूछा, “अरे शिवम, यो का कर दियो?” इसके बाद उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दी।

मौके से आलाकत्ल हुआ था बरामद।

मौके से आलाकत्ल हुआ था बरामद।

पुलिस ने किया आला कत्ल बरामद

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा बरामदे में पड़े सोफे के पास से बरामद किया। आला कत्ल को कब्जे में लेकर पुलिस ने आरोपी शिवम से पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि शिवम मानसिक रूप से अस्थिर है और उसके इलाज से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है।

2015 से शिवम का चल रहा था मनोरोग का इलाज।

2015 से शिवम का चल रहा था मनोरोग का इलाज।

2015 से चल रहा था इलाज

शिवशंकर ने बताया कि उनका बेटा शिवम वर्ष 2015 से मनोरोग विशेषज्ञ के संपर्क में है। उसकी मानसिक स्थिति सामान्य नहीं थी और वह अक्सर अप्रत्याशित व्यवहार करता था। परिवार उसकी बीमारी के चलते हमेशा सतर्क रहता था, लेकिन अंजू के बार-बार चिढ़ाने से शिवम अपना आपा खो बैठा।

मोहल्ले में छाया सन्नाटा-घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण इस निर्मम घटना से स्तब्ध हैं। शिवम के व्यवहार को लेकर पहले भी गांव में चर्चा होती थी, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि उसका गुस्सा इस हद तक जा सकता है।

बचपन से अंजू और शिवम में थी अच्छी बॉन्डिंग।

बचपन से अंजू और शिवम में थी अच्छी बॉन्डिंग।

पिता का रो-रोकर बुरा हाल-शिवशंकर घटना के बाद सदमे में हैं। अंजू के शव को देखकर वे फफक-फफक कर रो पड़े। उन्होंने बताया कि अंजू शिवम की चचेरी बहन थी और दोनों अक्सर साथ समय बिताते थे। यह दुखद घटना परिवार के लिए एक गहरा आघात बन गई है।

पुलिस कर रही है जांच-पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। शिवम की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या शिवम की बीमारी के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बरती गई थी।

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