हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्वपाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
Pakistan Gold: पाकिस्तान के नौशेरा में सिंधु नदी के किनारे सोने की खोज ने आर्थिक स्थिति को बदल दिया है, लेकिन प्लेसर गोल्ड Mining से पर्यावरणीय चिंताएं भी बढ़ी हैं.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Sourav kumar | Updated at : 18 Feb 2025 08:46 AM (IST)
पाकिस्तान में सोने की खदान
Pakistan Gold Reserve: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित नौशेरा, जो कभी एक पिछड़ा इलाका माना जाता था. अब सोने की खोज के कारण सुर्खियों में है. सिंधु नदी के किनारे बड़े पैमाने पर सोने का खनन हो रहा है, जिसने इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को बदल दिया है. कुंड से लेकर निजामपुर तक फैले इस इलाके में खुदाई से जुड़ी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. सिंधु नदी में सोने के कणों की खोज ने नौशेरा को खनन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु नदी में दिन-रात खनन का काम चल रहा है. खुदाई करने वाले मजदूर नदी की गहराई से मिट्टी और पत्थरों को बाल्टियों में भरते हैं और फिर सोने की स्लुइस मैट का इस्तेमाल करके रेत से सोने के कण निकालने की कोशिश करते हैं. इस माइनिंग एक्टिविटी के चलते इलाके में काम करने वाले मजदूरों को भी बेहतर मजदूरी मिल रही है. एक मजदूर को 1000 से 1500 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है.
सोने की खदान से बदली आर्थिक स्थिति
नौशेरा में सिंधु और काबुल नदियों के संगम पर प्लेसर गोल्ड खनन से इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है. पहले इस इलाके में खनन छोटे स्तर पर होता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में यह गतिविधि बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है. बड़ी संख्या में लोग दिन-रात नदी के तल में सोने की खोज में जुटे हुए हैं.
800 अरब रुपये का सोने का भंडार
इस क्षेत्र में सोने की खोज को लेकर लोगों का ध्यान तब आकर्षित हुआ जब इस साल की शुरुआत में अटक के पास 800 अरब रुपये के सोने के भंडार का दावा किया गया. पंजाब के पूर्व खान और खनिज मंत्री इब्राहिम हसन मुराद ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSP) की रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया था. इस रिपोर्ट ने पूरे देश में उत्साह पैदा किया, जिससे सोने की तलाश और तेज हो गई.
पर्यावरणीय चिंताएं
हालांकि, सोने की खोज और खनन की इस होड़ ने पर्यावरण की देखभाल करने वालों को चिंतित कर दिया है. प्लेसर गोल्ड माइनिंग की वजह से सिंधु नदी के इकॉसिस्टम को नुकसान पहुंच रहा है. पानी में रहने वाले जीव-जंतु के जीवन पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है, क्योंकि नदी के तल में ज्यादा खुदाई से मछलियों की संख्या में कमी आई है. इसके अलावा, पारे के इस्तेमाल से नदी के पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है.
Published at : 18 Feb 2025 08:46 AM (IST)
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