पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार… भारत के पड़ोसी देशों पर क्या बोले जयशंकर, चीन से रिश्तों पर भी बताई राह
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S Jaishankar News: विदेश मंत्री एस जयशंकर मुंबई में नानी पालखीवाला मेमोरियल लेक्चर के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान भारत-चीन संबंधों के साथ-साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के हालात पर भी बात की.
हाइलाइट्स
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा बताया.
- उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों में सुधार की कोशिशें जारी.
- इसके साथ ही बताया कि म्यांमार, अफगानिस्तान के हालात पर भारत की नज़र.
‘पाकिस्तान में आतंकवाद का ‘कैंसर’ अब खुद उसके राजनीतिक ढांचे को खा रहा है.’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान को एक बार फिर आड़े हाथों लिया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पड़ोस में पाकिस्तान एक ‘अपवाद’ बना हुआ है, क्योंकि वह सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर इसके साथ चीन के साथ रिश्तों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध 2020 के बाद की सीमा स्थिति से उत्पन्न जटिलताओं से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के संबंधों के दीर्घकालिक विकास पर अधिक विचार करने की जरूरत है.
जयशंकर मुंबई में नानी पालखीवाला मेमोरियल लेक्चर के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हमारे पड़ोस में पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देने के कारण एक अपवाद है, और अब यह कैंसर उसके अपने राजनीतिक ढांचे को प्रभावित कर रहा है.’ उन्होंने कहा कि पूरे उपमहाद्वीप का साझा हित इस बात में है कि पाकिस्तान इस रवैये को छोड़ दे.
सीमा विवाद और इतिहास की चुनौतियां
जयशंकर ने कहा, ‘चूंकि दोनों देश एक साथ उभर रहे हैं, भारत के लिए चीन के साथ एक संतुलन स्थापित करना एक बड़ी चुनौती है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद, ऐतिहासिक मुद्दे और अलग सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्थाओं ने इस रिश्ते को और जटिल बना दिया है.’ उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में यह स्थिति बदली है. फिलहाल, भारत-चीन संबंध 2020 के बाद की सीमा स्थिति से उत्पन्न जटिलताओं को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं.’
म्यांमार और अफगानिस्तान पर भी बोले जयशंकर
जयशंकर ने म्यांमार और अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘हमारे इन दोनों पड़ोसी देशों के साथ लंबे समय से लोगों के बीच संबंध रहे हैं, और हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इनके निकटतम हितधारक उन देशों से दूर बैठे लोगों से अलग हैं.’
भारत की बढ़ती कूटनीतिक भागीदारी
जयशंकर ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति उसके पड़ोसी देशों के लिए भी लाभकारी साबित हो रही है. उन्होंने कहा, ‘तीन दशक पहले, सिंगापुर के नेतृत्व में दक्षिण-पूर्व एशिया ने भारत के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने में रुचि दिखाई, जिसने एक्ट ईस्ट पॉलिसी की नींव रखी.’
‘खाड़ी क्षेत्र का भारत के साथ संबंध मजबूत’
पिछले एक दशक में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत और खाड़ी देशों के बीच गहरे संबंध बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाई है. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. यह न केवल भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार है, बल्कि हमारी ऊर्जा जरूरतों का मुख्य स्रोत भी है.’ जयशंकर ने बताया कि खाड़ी देश अब भारत में निवेश कर रहे हैं और विकास परियोजनाओं में साझेदारी कर रहे हैं.
मध्य-पूर्व में संघर्ष पर भारत की चिंता
मध्य-पूर्व में चल रहे संघर्ष पर उन्होंने कहा, ‘मध्य-पूर्व में चल रहे संघर्ष को लेकर भारत भी अन्य देशों की तरह चिंतित है. आतंकवाद का मुकाबला करना, नागरिक हताहतों को कम करना, मानवीय सहायता प्रदान करना और दो-राज्य समाधान को बढ़ावा देना हमारे दृष्टिकोण का सार है.’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत फिलिस्तीन मुद्दे पर दो-राज्य समाधान की वकालत करता रहा है. (PTI इनपुट के साथ)
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
January 18, 2025, 23:27 IST