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पटाखे जलाकर कुत्तों को किया परेशान तो होगी जेल! जानें क्या कहते हैं नियम

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पटाखे जलाकर कुत्तों को किया परेशान तो होगी जेल! जानें क्या कहते हैं नियम

सोलापुर: दिवाली में बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाते हैं. कई लोग उत्साह में कुत्तों और गधे की पूंछ पर पटाखे बांधकर उड़ा देते हैं. जानवर डर जाते हैं, और लोग हंसते हैं. लेकिन ऐसा करना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के अंतर्गत अपराध है, जिसके लिए जेल की सजा भी हो सकती है. इस संदर्भ में सोलापुर के पशु चिकित्सा अधिकारी चेतन यादव ने लोकल18 से बात करते हुए जानकारी दी.

फटाखों के कारण जानवरों को होने वाली चोटें
पटाखे फोड़ते समय लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन आसपास के जानवरों की सुरक्षा की अनदेखी की जाती है. तेज आवाज वाले फटाकों और भारी धुएं के कारण मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है. कई बार कुछ समाज विरोधी लोग जानबूझकर बेबुनियाद जानवरों को चोट पहुंचाने वाले पटाखे फोड़ते हैं. जलाए गए पटाखे कुत्ते, बिल्ली या अन्य जानवरों के ऊपर फेंके जाते हैं, जिससे जानवर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. लेकिन ऐसा करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिसमें जेल की सजा भी शामिल है.

पटाखे फोड़ते समय सावधानी बरतने के उपाय
पटाखे फोड़ते समय यह देखना चाहिए कि आसपास कोई जानवर तो नहीं है. फटाकों की आवाज से डरकर कई बार कुत्ते और बिल्ली सड़क पर भागने लगते हैं, जिससे उनका एक्सीडेंट हो सकता है. राष्ट्रीय उद्यान और चिड़ियाघर के आसपास पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए. तेज आवाज वाले फटाकों को सामान्यतः नहीं फोड़ना चाहिए. पटाखे फोड़ते समय यदि कुत्ते या बिल्ली सो रहे हों, तो उन्हें जगाना चाहिए ताकि अचानक होने वाली तेज आवाज से उन्हें तकलीफ न हो, ऐसा यादव बताते हैं.

दिवाली में जानवरों की चोटों की बढ़ती घटनाएं
दिवाली और उसके बाद के समय में कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों के घायल होने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इनमें कई बार जानवरों की दुखद मृत्यु भी होती है. इन घटनाओं में हर साल 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि होती है. लेकिन इस साल घायल जानवरों की संख्या बढ़ने के कारण पशुप्रेमी सुनिष कुंजू ने चिंता जताई है. जानवरों को चोट पहुंचाने पर आपराधिक मामला दर्ज होता है. इसलिए समझदार नागरिकों को दिवाली पर पटाखे न फोड़कर त्योहार मनाना चाहिए, जिससे जानवरों, पक्षियों और मानवों के लिए यह लाभकारी साबित हो सकता है. माता-पिता को बच्चों को पटाखे फोड़ने की बजाय रोशनी करने पर जोर देने का सुझाव दिया है, ऐसा चेतन यादव ने कहा.

Tags: Diwali Celebration, Firecracker Ban, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 29, 2024, 18:44 IST

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