हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियान्यू ईयर से पहले दोस्त रूस ने दिया भारत को ऐसा गिफ्ट, समंदर में कायम हो जाएगी बादशाहत
न्यू ईयर से पहले दोस्त रूस ने दिया भारत को ऐसा गिफ्ट, समंदर में कायम हो जाएगी बादशाहत
INS Tushil Soon to reach India: अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस तुशील भारत पहुंचने से पहले पश्चिमी अफ्रीकी तट से दूर गिनी की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त भी करेगा.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: Nidhi Vinodiya | Updated at : 29 Dec 2024 11:41 PM (IST)
जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होगा INS तुशील.
INS Tushil Soon to reach India: रूस से कलिनिनग्राद से 17 दिंसबर 2024 को भारत के लिए रवाना हुआ नवीनतम स्टील्थ मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील जल्द ही भारत आने वाला है. रविवार को अधिकारियों ने बताया कि आईनएस तुशील के फरवरी मध्य में देश के पश्चिमी तट पर आने की उम्मीद है. रूस में बने इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना में शामिल कराया था.
अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस तुशील मुंबई स्थित पश्चिमी बेड़े का हिस्सा होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना में शामिल किया गया है, जिन्होंने युद्धपोत को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का प्रमाण और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया. भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय संबंधों और नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने के हिस्से के रूप में आईएनएस तुशील 27 दिसंबर को भारत के रास्ते मोरक्को के कैसाब्लांका पहुंचा.
अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस तुशील भारत पहुंचने से पहले पश्चिमी अफ्रीकी तट से दूर गिनी की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त भी करेगा.
2023 में पहला नौसैनिक अभ्यास किया
भारत और यूरोपीय संघ ने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2023 में गिनी की खाड़ी में अपना पहला नौसैनिक अभ्यास किया, जिसमें समुद्री डकैती से लड़ना भी शामिल था. आईएनएस सुमेधा, एक अपतटीय गश्ती पोत, तब इतालवी, स्पेनिश और फ्रांसीसी युद्धपोतों के साथ अभ्यास के लिए शामिल हुआ था.
INS तुशील में 33 भारतीय फर्मों का योगदान
तुशील परियोजना 1135.6 का एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है और ऐसे छह जहाज पहले से ही सेवा में हैं. तुशील में लगभग 26 फीसदी स्वदेशी सामग्री है, जो पिछले टेग-श्रेणी के फ्रिगेट से दोगुनी है. इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस (भारत-रूस का संयुक्त उद्यम) और नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स (टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) सहित 33 फर्मों का योगदान शामिल है.
Published at : 29 Dec 2024 11:41 PM (IST)
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