मनीष सिंह, नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में साइबर अपराधियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। कमिश्नरेट पुलिस और सरकार की ओर से किये जा रहे लाख प्रयासों के बाद भी साइबर ठगी की घटनाएं थमने का नाम नही ले रही है। लोग प्रोफिट कमाने के लालच में आकर साइबर जालसाजों के चक्कर में अपनी मेहनत से कमाई हुई जमा पूंजी में इन ठगों के हाथों में देकर गंवा बैठते है। ऐसा ही एक मामला ग्रेटर नोएडा से सामने आया है। इस बार एक महिला डॉक्टर साइबर ठगों की शिकार हुई है। जालसाजों ने डॉक्टर को निवेश करने पर तीन से पांच गुने का मुनाफे का लालच देकर उनसे 51 लाख रुपये से अधिक की ठगी की घटना को अंजाम दिया।
साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर और अधिक मुनाफे के चक्कर में महिला ने अपने पति, सास और रिश्तेदार के खाते से भी रुपये ट्रांसफर कर दिये। अपने साथ हुई ठगी की जानकारी के बाद महिला ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर दो कथित अकाउंट मैनेजर और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई, पुलिस उनकी जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
ग्रेटर नोएडा के गुजेंद्र विहार की रहने वाली मीनू रानी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके व्हाट्सऐप नंबर पर 7 जनवरी 2025 को एक मैसेज आया। मैसेज करने वाले ने अपना नाम हरि सिंह बताया। कथित हरि सिंह ने मीनू को फ्रेंकलिन का कर्मचारी बताया। इसके बाद निवेश के बारे में जानकारी देनी शुरू की। उसने बताया कि उसे शेयर बाजार में निवेश के क्षेत्र में 15 साल का अनुभव है। इसके बाद उसने सी फोर इग्नाइट द स्पार्क ऑफ वेल्थ नाम के एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया।
शेयर मार्केट में निवेश से जुड़े हुए बातों का व्याख्यान ग्रुप पर कथित हरि सिंह रोज करते थे। 100 से ज्यादा सदस्य ग्रुप में जुड़े हुए थे। कुछ दिनों तक यह ऐसा ही चलता रहा। फिर एक दिन अचानक ग्रुप की सदस्य आरती सिंह ने हरि के लेक्चर की पीडीएफ मीनू के मोबाइल पर भेजी। शिकायतकर्ता महिला से आरती सिंह ने कहा कि हरि सिंह ने एक महिला की सहायता करने के लिए अमेजन से एक हजार रुपये के कई गिफ्ट बाउचर खरीदे हैं।
मीनू समेत ग्रुप के सभी सदस्यों को उनकी ओर से गिफ्ट बाउचर दिया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने आरती सिंह की ओर से भेजे गए गिफ्ट बाउचर को जब अमेजन पर अपनी आईडी से लॉगइन किया तो उसके खाते में एक हजार रुपये आ गए। इसके बाद हरि सिंह ने मीनू से कहा कि अगर वह उनके कहे अनुसार ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में निवेश करेंगी तो तीन से पांच गुना मुनाफा एक महीने में मिलेगा।
शिकायतकर्ता महिला को झांसे में लेने के बाद हरि सिंह ने एक खाता खुलवाने के लिए कहा। इसके लिए उन्होंने दत्ता अकाउंट मैनेजर से बात करने की भी सलाह दी। महिला ने शुरुआत में यह खाता नहीं खोला पर हरि सिंह के बार-बार कहने पर उन्होंने निवेश करने की ठानी। ग्रुप के सदस्य भी निवेश पर मुनाफा होने का स्क्रीनशॉट डालते रहे। आखिर महिला ने खाता खुलवाया। ठगों ने महिला को 50 हजार रुपये का निवेश प्रारंभिक चरण में कराने को कहा।
ऐप में दिखी थी राशि
महिला ने जब यह रकम ठगों की ओर से बताए गए खाते में ट्रांसफर की तो जालसाजों की ओर से डाउनलोड कराए गए ऐप पर उसकी मुनाफे की राशि मूल राशि के साथ दिखने लगी। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में महिला ने अपने पति, सास और रिश्तेदार के खाते से भी ठगों के बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर की।
महिला ने जब एक अन्य करीबी महिला से उधार मांगा तो उसकी ओर से बताया गया कि वह ठगों के जाल में फंस चुकी है। इसके बाद जब शिकायतकर्ता महिला ने ठगों से अपने पैसे वापस करने को कहा तो उन्होंने संपर्क तोड़ लिया। महिला को ग्रुप से ही बाहर कर दिया। महिला ने मामले की शिकायत पहले एनसीआरपी पोर्टल पर की। वहां से मामला साइबर क्राइम थाने में आया।
राशि को कराया गया फ्रीज
साइबर क्राइम थाने के थाना प्रभारी निरीक्षक रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि ठगी की रकम में से 4 लाख 80 हजार रुपये को फ्रीज करा दिया गया है। बाकी रकम भी होल्ड और फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है। आशंका है कि किराये के खाते में ठगी की सारी रकम ट्रांसफर हुई है। 38 वर्षीय पीड़ित महिला का दावा है कि मुनाफा कमाने के चक्कर में उसने पति और सास की जमा पूंजी तो गंवाई ही है, रिश्तेदारों से उधार अलग से ले लिया है। ठगी के बाद से महिला तनाव में है।