नालंदा: सदर अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय के स्थापना विभाग का क्लर्क पंकज कुमार को सरकारी धन के घोटाले के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। क्लर्क पंकज पर आरोप है कि वो अस्पताल के वेतन के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि को हड़पने का काम कर रहा था। पिछले साल जून में ही सरमेरा से सदर अस्पताल में पंकज कुमार का तबादला हुआ था।
वन टू का फोर, फोर टू का वन!
तबादले के बाद वह अस्पताल के खातों में अनियमितताएं कर रहा था और कई सरकारी योजनाओं के तहत आने वाली राशि को निकाल कर अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। टीडीएस जांच के दौरान जब अधिकारियों ने इस गड़बड़ी को पकड़ा, तो जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, पंकज कुमार ने अस्पताल के खजाने में सरकारी धन की हेराफेरी की थी।
सिविल सर्जन ऑफिस के क्लर्क पर गंभीर आरोप
आरोप है कि पंकज ने कई सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया और वेतन से संबंधित प्रक्रियाओं में भी गड़बड़ियां कीं। इस मामले में सीएस डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने पंकज की अलग-अलग पोस्टिंग वाली जगहों के अस्पताल प्रभारियों को पंकज कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया है। घोटाले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पंकज कुमार के सस्पेंशन और एफआईआर की प्रक्रिया के बाद यह मामला अब जांच के घेरे में है।
जांच के घेरे में कई और स्टाफ भी
सीएस डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कई कर्मियों को भी इसी तरह लाभ पहुंचाया जा रहा था। इसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी। जांच में कुछ कर्मियों के भी नाम भी सामने आए हैं। जांच के बाद जो भी दोषी होगें उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद पंकज कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी । किसी भी प्रकार की घोटालेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरमेरा में भी उनके ऊपर इसी तरह के काम करने का आरोप लगा था ।