Tuesday, February 25, 2025
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Home नागपुर में तापमान 56 डिग्री दर्ज, मचा हड़कंप तो मौसम विभाग ने दी सफाई, कहा- सेंसर फेल होने से ज्यादा बढ़ गया पारा

नागपुर में तापमान 56 डिग्री दर्ज, मचा हड़कंप तो मौसम विभाग ने दी सफाई, कहा- सेंसर फेल होने से ज्यादा बढ़ गया पारा

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Wrong Temperature Recorded In Nagpur: देशभर में पड़ रही गर्मी का असर मौसम विभाग पर भी पड़ता दिख रहा है। मौसम विभाग की ओर से नागपुर का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। यह आंकड़ा सामने आते ही शहर में हड़कंप मच गया। अब इस पर मौसम विभाग ने सफाई दी है।

हाइलाइट्स

  • देशभर में पड़ रही गर्मी का असर मौसम विभाग पर भी पड़ता दिख रहा
  • मौसम विभाग ने नागपुर का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया
  • मौसम विभाग ने सफाई देते हुए कहा कि सेंसर फेल होने से गलत रिपोर्ट आ गई
Wrong Temperature Recorded In Nagpur

नागपुर: राजधानी दिल्ली में हाल ही में 52 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया। इस सीजन में यह पहली बार था कि देश के किसी हिस्से में तापमान 50 के पार पहुंचा। हालांकि दिल्ली का यह रिकॉर्ड नागपुर ने तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक गुरुवार 30 जून को नागपुर में तापमान 56 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। हालांकि मौसम विभाग ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि सेंसर फेल होने की वजह से गलत तापमान रिकॉर्ड किया गया।

कहां दर्ज हुआ अधिक तापमान?

दरअसल नागपुर शहर में तीन से चार स्वचालित मौसम स्टेशन हैं। एक स्वचालित मौसम स्टेशन उत्तरी अंबाझरी मार्ग पर रामदास पेठ में पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के 24 हेक्टेयर खुले मैदान के केंद्र में स्थित है। दूसरा सोनेगांव इलाके में है। तीसरा और चौथा केंद्र खापरी और रामटेक इलाके में स्थित है। शहर के रामदासपेठ और सोनेगांव केंद्रों पर गुरुवार को क्रमश: 56 और 54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। कुछ ही देर में ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

Nagpur Temperature


मौसम विभाग ने दी सफाई

इस संबंध में मौसम विभाग के नागपुर केंद्र ने स्पष्टीकरण दिया है। इसमें उन्होंने बताया कि सेंसर की खराबी के कारण तापमान अधिक दर्ज किया गया। नागपुर क्षेत्रीय केंद्र के वैज्ञानिक प्रवीण कुमार ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को सेंसर में तकनीकी खराबी आ गई। इसके कारण केंद्र ने गलत तापमान रिकॉर्ड किया। हालांकि अब इसे ठीक कर लिया गया है।

स्वचालित मौसम स्टेशन का डेटा विश्वसनीय नहीं?मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, स्वचालित मौसम केंद्रों का डेटा कभी भी विश्वसनीय नहीं होता है। 38 डिग्री सेल्सियस के बाद इस केंद्र से उचित तापमान आने की संभावना बहुत कम है। इसलिए भारत में तापमान का आधिकारिक रिकॉर्ड मौसम विभाग के आधिकारिक केंद्र से ही लिया जाता है। इस व्यवस्था को विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्वयं संभालते हैं। इसलिए इस केंद्र से मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी तापमान डेटा के गलत होने की संभावना बहुत कम है।

सुजीत उपाध्याय

लेखक के बारे में

सुजीत उपाध्याय

सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।… और पढ़ें

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