मध्यप्रदेश में डीएलएड की परीक्षाएं चल रहीं हैं वहीं डीएलएड के कई छात्र ऐसे भी हैं। जो धोखाधड़ी का शिकार हो गए। वह सभी छात्र परीक्षा शुरू होने से पहले न्याय की गुहार लगाते घूम रहे हैं। लेकिन उन्हें न्याय भी नहीं मिल रहा है।
.
आज यानी मंगलवार को डीएलएड के करीब 50 छात्र-छात्रा फिजिकल थाने कीचौखड़ पर धोखाधड़ी करने बालों पर मामला दर्ज कराने बैठे रहे। लेकिन आज भी मामला दर्ज नहीं हो सका है। बताया गया है कि 10 दिनों के भीतर छात्रों को उनकी फीस वापस देने का आश्वासन दिया गया हैं।
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, कई छात्रों ने फिजिकल रोड स्थित एक सनराइज कॉलेज के नाम की दुकान से संचालित ऑफिस के जरिए सनराइज कॉलेज में डीएलएड का दाखिला लिया था। इसके एवज में उसने 15-15 हजार दो किस्तों में कुल तीस हजार रूपए अंकुर गुप्ता को दिए थे।
12 जुलाई से डीएलएड के एक्जाम होने थे। जब छात्र 11 जुलाई को अपना एडमिड कार्ड लेने फिजिकल रोड स्थित सनराइज कॉलेज के नाम की दुकान से संचालित ऑफिस पहुंचे तो उन्हें ऑफिस में ताले लटके मिले। जिस अंकुर गुप्ता ने एडमिशन किया। वह अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गया। जब इसकी पड़ताल सनराइज़ कॉलेज के डायरेक्टर अमित पहारिया से की गई।
तब अमित पहारिया ने अपने कॉलेज में ऐसे किसी भी छात्र का एडमिशन होने से साफ़ इंनकार कर दिया था। इसके बाद से डीएलएड के एक्जाम से बचिंत हुए छात्र धोखाधड़ी करने बालों पर मामला दर्ज कराने के लिए भटक रहे हैं।
कॉलेज डारेक्टर के भाई ने की धोखाधड़ी
जानकारी के मुताबिक, जिस अंकुर गुप्ता पर डीएलएड के छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप लगे हैं। वह अंकुर गुप्ता सनराइज़ कॉलेज के डायरेक्टर अमित (गुप्ता)पहारिया का भाई हैं। लेकिन अमित गुप्ता ने दोनों भाइयों के बीच बटवारा होने सहित कॉलेज से वर्ष 2019 में ही निकालने की बात कही हैं।
आज दिन भर डीएलएड के छात्र FIR की मांग को लेकर फिजिकल थाने पर डटे रहे थे। जहां शाम के वक्त सनराइज कॉलेज के डायरेक्टर अमित (गुप्ता) पहारिया फिजिकल थाने पहुंचे थे। जहां पुलिस ने दोनों पक्षों के साथ आमने-सामने बात की थी।
बता दें बातचीत के बाद इस मामले में मामला दर्ज नहीं हुआ हैं। छात्रों सहित फिजिकल थाना प्रभारी रजनी चौहान का कहना हैं कि कॉलेज के डायरेक्टर अमित (गुप्ता) पहारिया ने 10 दिनों के भीतर छात्रों की फीस बापस करने की बात कही हैं। वहीँ कॉलेज के डायरेक्टर अमित (गुप्ता) पहारिया ने फीस देने से साफ इनकार कर दिया हैं। अमित (गुप्ता) पहारिया का कहना है कि वह थाने कालेज को बदनाम करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे।