धीरे-धीरे जहर का असर होता गया पर भागे-भागे पहुंचे ऐसी जगह जहां और बढ़ गई परेशानी, फिर…
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धीरे-धीरे जहर का असर होता गया पर भागे-भागे पहुंचे ऐसी जगह जहां और बढ़ गई परेशानी, फिर…
धीरे-धीरे जहर का असर होता गया पर भागे-भागे पहुंचे ऐसी जगह जहां और बढ़ गई परेशानी, फिर…
हाइलाइट्स
सांप के काटने के बाद जहर के असर का पहले किया इंतजार. जहर का असर हुआ और झाड़ फूंक के चक्कर में गंवाई जान. सर्पदंश के बाद समय पर अस्पताल पहुंचते तो बच सकती थी जान.
जमुई. सांप काटने से किसी की जान न जाए इसके लिए सरकारी तौर पर और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार कोशिश होती है. इसलिए यह आवश्यक है कि सर्पदंश की स्थिति में लोग बगैर देरी किए अंधविश्वास को छोड़ अस्पताल पहुंचें और जरूरी दवाइयां लेते हुए डॉक्टर की देखरेख में इलाज करवाएं. लेकिन, इस आधुनिक युग में भी अक्सर वैसे उदाहरण सामने आ जाते हैं, जहां लोग अंधविश्वास की चक्कर अपनी जान गंवा देते हैं. जमुई जिले के खैरा प्रखंड के सिंगारपुर गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां जहरीले सांप के काटने के बाद पीड़ित शख्स और परिवार वाले जहर का असर चढ़ने का इंतजार करते रहे. जब जहर शरीर में फैलने लगा तब भी लापरवाह दिखे. अस्पताल जाने के बजाय झाड़ फूंक के लिए तांत्रिक के पास चले गए. झाड़ फूंक के द्वारा जब शख्स सीरियस हो गया तब उसे अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, जहां उसकी मौत हो गई और फिर परिवार वाले बेहाल हो गए.
दरअसल, खैरा थाना इलाके की सिंगारपुर गांव का रहने वाले 40 साल के महेंद्र मांझी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. बताया जा रहा है कि वह शौच के लिए खेत की तरफ गये थे, जहां उन्हें जहरीले सांप ने डस लिया. घर जाकर महेंद्र मांझी ने इसकी जानकारी परिवारवालों को दी फिर सांप काटने के बाद जहर का असर शरीर पर नहीं चढ़ते महेंद्र मांझी और परिवार वालों ने आशंका जाहिर की कि किसी विषहीन सांप ने उसे डंसा होगा. इस लापरवाही में वे लोग अस्पताल नहीं गए.
लेकिन, कुछ घंटे के बाद जब जहर का असर शरीर पर चढ़ने लगा तब भी पीड़ित और उसके परिवार वाले इसे गंभीरता से नहीं लिए और जमुई शहर के नीमा मोहल्ले में एक तांत्रिक के पास झाड़ फूंक के लिए पहुंच गए. वहां घंटे तक सांप का जहर उतारने के लिए तांत्रिक झाड़ फूंक करते रहे. परिवारवाले भी इंतजार में थे कि वह ठीक हो जाएंगे, लेकिन देर हो जाने के बाद जब स्थिति बिगड़ने लगी, तब परिवार वाले महेंद्र मांझी को तांत्रिक के पास से जमुई सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन, सदर अस्पताल आने के पहले इस शख्स की मौत हो चुकी थी.
इधर सदर अस्पताल के प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा यहां पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है. लोगों से अपील होगी कि सर्पदंश होने के बाद वाली स्थिति में लोग झाड़ फूंक से बचते हुए अस्पताल पहुंचें और अपनी जान बचाएं.
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Tags: Bihar News, Jamui news, OMG News
FIRST PUBLISHED :
April 30, 2024, 16:07 IST