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Rajouri Mysterious Deaths: जम्मू में बुधवार को अस्पताल में 9 साल की बच्ची की मौत हो गई. उसकी मौत कैसे हुई, यह किसी को पता नहीं. रहस्यमी बीमारी से यह पहली मौत नहीं है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक सुदूर गांव बधाल में डेढ़…और पढ़ें
Rajouri Mysterious Deaths: जम्मू-कश्मीर को घरती का जन्नत कहते हैं. अब इस जन्नत को किसी की ऐसी नजर लगी है कि एक गांव में मातम ही मातम है. जी हां, जम्मू-कश्मीर में रहस्यमय मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है. राजौरी जिले के एक छोटे से गांव में डेढ़ महीने में 15 लोगों की मौत हो चुकी है. लेटेस्ट मामला बुधवार को सामने आया, जब एक 9 साल की बच्ची की जम्मू के अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस को भी नहीं समझ आ रहा कि आखिर इन मौतों की वजह क्या है. आखिर क्या है वह रहस्यमयी चीज, जिसकी वजह से 15 लोग मौत की नींद सो गए. कौन है वह काल जो दबे पांव आता है और गांव में अपना शिकार कर रहा है. इन सभी रहस्यों को सुलझाने के लिए पुलिस अब एक्टिव हो चुकी हैं. मौतों की वजह जानने के लिए एसआईटी यानी विशेष जांच दल का गठन किया गया है.
गांव का नाम है बधाल. मगर यहां रहस्यमयी बीमारी से बदहाल हो चुकी है. इस गांव में खौफ का आलम है. लोग डरे-सहमे रहते हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद को नहीं लगता कि इन मौतों के पीछे किसी रहस्यमयी बीमारी है. उन्होंने बधाल गांव में हुई मौतों के पीछे किसी रहस्यमय बीमारी को कारण मानने से इनकार किया और कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर किए गए सभी परीक्षणों के नतीजे नकारात्मक आए हैं.
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम को जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज करा रही जबीना की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पिछले चार दिन में उसके चार भाई-बहन और दादा की भी मौत हो गई. सकीना मसूद ने हालांकि कहा कि पिछले साल सात दिसंबर से कोटरंका उप-मंडल के बधाल गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों में हुईं मौतें अत्यंत चिंताजनक हैं और पुलिस एवं जिला प्रशासन कारण का पता लगाने के लिए तेजी से जांच करेगा. मंत्री की मानें तो पांच लोगों की मौत की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर 3,500 ग्रामीणों की जांच की गई.
मंत्री ने क्या-क्या कहा
मंत्री मसूद का कहना है कि 40 दिन से अधिक समय के बाद मौत फिर से होने लगी हैं. यह स्पष्ट है कि यदि मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो यह तुरंत फैल जाती और उन तीन परिवारों तक सीमित नहीं होती, जो एक-दूसरे के निकट रहते हैं और एक-दूसरे से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और इससे बाहर की गई किसी भी जांच की रिपोर्ट में कुछ भी सामने नहीं आया है. इनमें पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) और पीजीआई-चंडीगढ़ में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में की गई जांच भी शामिल है. उन्होंने कहा कि साथ ही पानी और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूनों के मामले में भी यही स्थिति है.
न बीमारी और न संक्रमण
हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य विभाग को गांव में ऐसी कोई बीमारी, वायरस या संक्रमण नहीं मिला, जिससे मौत हुई हों. यही सबसे बड़ी चिंता की बात है. यही वजह है कि मौतों का वास्तविक कारण जांच का विषय है. कुछ मृतकों के नमूनों में कुछ ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए गए हैं. हालांकि, मौत के रहस्य को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. राजौरी के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर गौरव सिकरवार ने कहा कि मौतों के मामले में शुरू की गई जांच कार्यवाही की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बुधल के पुलिस अधीक्षक (अभियान) वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
Location :
Jammu and Kashmir
First Published :
January 16, 2025, 07:59 IST