देखते ही देखते ये क्या हुआ… हर चेहरा बुझा-बुझा, भीषण अग्निकांड के चार दिन बाद भी खुश्कीबाग में छाई है वीरानगी
पूर्णिया. कल चमन था आज एक सेहरा हुआ देखते ही देखते यह क्या हुआ… मोहम्मद रफी के इस मशहूर गीत की ये पंक्तियां कोसी और सीमांचल की सबसे बड़ी फल मंडी खुश्कीबाग की वर्तमान स्थिति पर बिल्कुल फिट बैठती हैं. चार दिन पहले तक चमन छाया था, लेकिन भीषण अग्निकांड के बाद यहां मातमी सन्नाटा पसरा है. पीड़ित कारोबारी अपने उजड़े दुकानों और ठिकानों को बुझे मन से देखकर गमगीन हैं तो यहां काम करने वाले मजदूर वर्ग के लोगों को काम-धंधा मिलना मुश्किल हो गया है. पीड़ितों का दुख दर्द बांटने पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा भी पहुंचे.
बता दें कि, बीते सोमवार की रात पूर्णिया के खुश्कीबाग स्थित कोशी और सीमांचल के सबसे बड़े होलसेल फल मंडी में भीषण आग लगने से 70 दुकानें और प्लाई की फैक्ट्री जलकर राख हो गईं थीं. जिसमें करीब 25 करोड़ का नुकसान हुआ था. अब व्यापारी धीरे-धीरे अपने दुकानों को सवारने लगे हैं. हालांकि, अभी भी मंडी में जले हुए फलों और अन्य चीजों का ढेर लगा हुआ है जो उस त्रासदी का गवाह है, लेकिन रह रहकर उनकी पीड़ा झलक रही है.
दुकानदारों का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार उसके लिए स्थायी व्यवस्था करें. हर जगह बाजार समिति में फल मंडी लगती है, लेकिन पूर्णिया में इतनी बड़ी मंडी होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही व्यापारियों ने कहा कि उनका सारा बही खाता जल गया है. फुटकर व्यापारी उधार सामान लेकर गए अब वह रुपये देना नहीं चाहते हैं. वहीं, व्यापार मंडल में इन व्यवसायियों के करीब 50 लाख रुपये जमा हैं. बार-बार गुहार लगाने के बावजूद व्यापार मंडल द्वारा यह राशि नहीं लौटाई जा रही है.
वहीं, पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा भी इन पीड़ित दुकानदारों से मिलने के लिए पहुंचे और उनसे बात की. सांसद ने कहा कि पूर्व में मुख्यमंत्री की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया था कि कृषि फार्म की जमीन पर आधुनिक मल्टी स्टोरेज फल और सब्जी मंडी बनाई जाएगी. इसको लेकर जिला पदाधिकारी से भी बात हुई है. चुनाव के बाद वे लोग इस पर काम करेंगे और दुकानदारों का स्थाई समाधान करेंगे. ताकि बार-बार इस तरह की पीड़ा नहीं झेलना पड़े.
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FIRST PUBLISHED :
May 2, 2024, 11:11 IST