नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित मनीलॉन्ड्रिंग मामले में अपने दो सरकारी गवाहों – व्यवसायी राघव मगुंटा और अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत चंद्र रेड्डी – की 115 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. राघव तेदेपा के लोकसभा उम्मीदवार मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के पुत्र हैं.
एजेंसी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव की एमएलसी बेटी के. कविता और चार अन्य के खिलाफ 10 मई को दाखिल आरोप पत्र में यह खुलासा किया है. विशेष पीएमएलए अदालत ने 29 मई को अभियोजन पक्ष के इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया.
राघव मगुंटा और रेड्डी दोनों के बारे में कहा जाता है कि वे कविता के नेतृत्व वाले तथाकथित ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्य हैं, जिस पर ईडी ने आरोप लगाया है कि उसने दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये दिये थे. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया है.
‘आप’ ने आरोप लगाया था कि मगुंटा द्वारा दर्ज किए गए बयानों के कारण उसके प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई, जबकि रेड्डी ने चुनावी बॉण्ड के जरिए भाजपा को 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिससे साबित होता है कि भाजपा का ‘दक्षिण लॉबी’ से संबंध है.
ईडी के आरोप पत्र के अनुसार, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत राघव मगुंटा और रेड्डी की संपत्ति कुर्क करने का अंतरिम आदेश तीन मई को जारी किया गया था, जिसके बाद दोनों की 115 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है.
इस मामले में ईडी द्वारा जारी किया गया यह तीसरा कुर्की आदेश है. इससे पहले ईडी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया (52 करोड़ रुपये से अधिक) और व्यवसायी समीर महेंद्रू (76 करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्तियां कुर्क की थीं.
इस मामले में ईडी ने राघव मगुंटा और रेड्डी को गिरफ्तार किया था और पिछले साल अदालत ने दोनों को ईडी मामले में सरकारी गवाह बनने की मंजूरी दे दी थी. फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर हैं.
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FIRST PUBLISHED :
June 3, 2024, 23:06 IST